भारतीय दर्शन के 10,800 वर्ष के इतिहास में शुरू से अभी तक सिर्फ 2 नारियों को आत्मज्ञान प्राप्त करने का मौका मिला | संत गार्गी और Maitreyi (महर्षि याज्ञवल्क्य की दूसरी पत्नी) | नारी रूप में तत्वज्ञान प्राप्त करना इसलिए मुश्किल होता है कि वे मोह से भरपूर होती हैं और मोह नहीं कटेगा तो कर्मों की निर्जरा होगी कैसे ?
जब तत्वज्ञान प्राप्त करना इतना कठिन है तो अवतार बनने का खयाल हमेशा के लिए त्याग देना चाहिए |
स्त्री रूप में कोई साधक महर्षि रमण जैसा ज्ञान और साथ ही चाणक्य की कूटनीति की मालिक बन जाए – असंभव है | कितने चाणक्य हुए इस धरती पर – सिर्फ एक | किसी स्त्री साधक में जिस दिन दोनों गुण समाहित हो जाएंगे – महर्षि रमण और चाणक्य का तो वह स्त्री अवतार बन जाएगी |
अवतार का मतलब हुए ऐसा असाधारण आध्यात्मिक साधक जो मानव भगवान बनकर अधर्म के ऊपर धर्म की सत्ता स्थापित कर सके | अध्यात्म की कठिन तपस्या के मद्देनजर शास्त्र कहते हैं तत्वज्ञानी होने के लिए नारियों को पहले पुरुष योनि में आना पड़ेगा | (मानव भगवान जैसे – महावीर, आदि शंकराचार्य, महर्षि रमण इत्यादि) |
मोह को काटना वाकई आसान नहीं | अगर विश्वास नहीं तो गार्गी और Maitreyi के बारे में पढ़े |
हिंदू धर्म में अवतार क्या है? अवतार का सही अर्थ क्या है? Vijay Kumar Atma Jnani