क्या ईश्वर स्त्री के रूप में अवतरित हो सकता है ?


इस धरती पर कितनी मानव भगवान अभी तक आयीं – सिर्फ 2 – संत गार्गी और Maitreyi (महर्षि याज्ञवल्क्य की दूसरी पत्नी) | एक तत्वज्ञानी को अवतार लेने के लिए अपने अंदर चाणक्य की असीमित ताकत भी चाहिए – तभी वह अधर्म का नाश कर धर्म को पुनर्स्थापित कर पाता है |

 

अवतरित होने का मतलब यह नहीं कोई ऊपर से उतरता है | जब अधर्म का बोलबाला हो, असामाजिक तत्वों की भरमार – तब हमीं में से एक निर्भीक होकर समाज को जड़ से सुधारने का बीड़ा उठाता है | कल्कि अवतार के हाथो में 55 लाख लोगों की मृत्यु का निमित्त है | क्या कोई स्त्री कभी इतनी निर्भीकता अपने अंदर ला सकेगी – शायद नहीं |

 

एक नारी झांसी की रानी लक्ष्मीबाई तो बन सकती है, रानी अहिल्या बन पूरे भारतीय समाज और संस्कृति का जीर्णोद्धार तो कर सकती है लेकिन अवतार – कभी नहीं | ममता से कूट कूट कर भरी नारी से इतना भी expect नहीं करना चाहिए | उसे अपने परिवार, बच्चों की देखभाल भी जो करनी है |

 

हिंदू धर्म में अवतार क्या है? अवतार का सही अर्थ क्या है? Vijay Kumar Atma Jnani

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