आत्मज्ञान


क्या हर किसी को आत्मज्ञान प्राप्ति का प्रयास करना चाहिए – यह क्यों जरूरी है ?

जरूरी तो नहीं आत्मज्ञानी बनने का बीज हमे इस जीवन में मिले ! मनुष्य रूप में 11 लाख योनियां होती हैं | किसी भी योनि में हम अध्यात्म की ओर अग्रसर हो सकते हैं बशर्ते हमारे कर्म ऐसे हों | अगर मनुष्य आत्मज्ञानी बनना चाहता है – तो इसका सीधा मतलब है पहले स्वामी विवेकानंद की स्थिति तक पहुंचना और […]


आत्मज्ञान प्राप्त करने के कितने तरीके हैं ?

आत्मज्ञान, कैवल्यज्ञान, तत्वज्ञान और पूर्ण कुण्डलिनी जागरण व सहस्त्रार की स्थिति तक पहुंचने के लिए ब्रह्म द्वारा निर्देशित रास्ता एक ही है – अध्यात्म का | दुनिया में ज्यादातर साधक धार्मिक कर्मकांडो में उलझ अपना कीमती समय गवां देते हैं और पूरी जिंदगी विलाप करते रहते हैं कि उन्हें कुछ मिला ही नहीं | अगर मुंबई जाना हो और आप […]


आत्मज्ञान के मार्ग को कैसे खोजें ?

आत्मज्ञान यानि मनुष्य शरीर में रहते हुए अपने मूल स्वरूप को वापस प्राप्त कर लेना – एक शुद्ध आत्मा हो जाना | यह संभव हो पाता है जब मनुष्य अध्यात्म की राह पकड़ 12 वर्ष की अखंड तपस्या के बाद अंततः आत्मज्ञानी, तत्वज्ञानी बन जाता है | तत्वज्ञानी मतलब कुण्डलिनी का पूर्ण जागृत होना, सहस्त्रार पूरी तरह active हो जाना […]


स्वयं को जानने के लिए इन्सान को क्या करना चहिए ?

स्वयं को जानने की चेष्टा व्यर्थ – निरर्थक है – क्यों ?   1.. अगर आप भौतिक जिंदगी जीते हैं यानि अध्यात्म से कुछ लेना देना नहीं तो भी स्वयं का विश्लेषण किसलिए ? आप जो हैं सो हैं | अगर आप service करते हैं और बॉस आपकी कुछ कमियों की तरफ इशारा करता है तो उन्हें पहचान कर दूर […]


आत्मज्ञान हो जाने पर क्या जान लेना है ?

आत्मज्ञान यानी आत्मा का ज्ञान हो जाना | यह कब संभव है ? जब साधक आध्यात्मिक सफर में कर्मों की निर्जरा करके एक शुद्ध आत्मा बन जाता है वह आत्मज्ञानी कहलाता है | मुक्ति के द्वार तक पहुंच जाना, जन्म मृत्यु के चक्रव्यूह से हमेशा के लिए मुक्त हो जाना तत्वज्ञानी कहलाता है | रामकृष्ण परमहंस, महर्षि रमण दोनों आत्मज्ञानी, […]


ब्रह्मज्ञान कैसे प्राप्त किया जा सकता है ?

ब्रह्म ज्ञान को प्राप्त कर लेना मतलब परमात्मा ब्रह्म को पा लेना हमेशा हमेशा के लिए | यह संभव हो पाता है जब एक साधक चिंतन के माध्यम से ध्यान में उतरकर और ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए अध्यात्म के शीर्ष पर पहुंच जाता है यानी ८४ लाखवी योनि, तब हम एक तत्वज्ञानी बन जन्म और मृत्यु के बंधन से […]


कैसे पता चलेगा आत्मज्ञान की प्राप्ति हो गई है ?

शायद खुद कभी भी मालूम नहीं चले लेकिन ब्रह्म खुद आकर बताएंगे यह निश्चित है | जब किसी भी साधक को आत्मज्ञान, ब्रह्मज्ञान प्राप्त हो जाता है तो ब्रह्म का साक्षात्कार १००% निश्चित है | ब्रह्म खुद आकर पहली योनि से ८४ लाखवी योनि का सफर दिव्य दृष्टि से दिखाएंगे और बताएंगे हमने क्या प्राप्त किया है |   ब्रह्म […]


आत्मज्ञान कैसे प्राप्त किया जा सकता है ?

आत्मज्ञान प्राप्त करने के लिए हमें भरतवंशियों के ऐतिहासिक आत्मज्ञानियों के जीवन को खंगालना चाहिए | एक समय था जब भक्तियोग के मार्ग पर चलकर आत्मज्ञान प्राप्त किया जा सकता था लेकिन रामकृष्ण परमहंस को इसमें कठिनाई महसूस हुई | उन्होंने अपना मार्ग बदल लिया – भक्तियोग से ज्ञान योग | ऐसा क्यों ?   आज के कलयुग में सिर्फ […]


आत्म जागरूकता और आत्म चेतना में अंतर क्या है ?

जब हम बड़े होते हैं तो सुनने में आता है कि हम सिर्फ एक शरीर नहीं, बल्कि एक चेतना हैं, चेतन तत्व जिसे दुनिया आत्मा के नाम से पुकारती है | शुरू में बच्चे को कुछ समझ नहीं आता कि मेरे अंदर कौन हो सकता है और मैं एक साथ दो कैसे हो सकता हूं ?   धीरे धीरे हमें […]


आत्मज्ञान क्या होता है ?

आत्मज्ञान का शाब्दिक अर्थ है आत्म ज्ञान, यानि खुद का ज्ञान और क्योंकि हम मूलतः एक आत्मा हैं तो आत्मज्ञान का मतलब हुआ आत्मस्वरूपी खुद का ज्ञान | आध्यात्मिक परिपेक्ष में जब एक साधक 12 वर्ष की तपस्या के बाद स्वयं को तत्व रूप में जान लेता है वह आत्मज्ञानी कहलाता है |   आत्मज्ञानी, कैवल्यज्ञानी, तत्वज्ञानी और ब्रह्मज्ञानी सभी […]


अगर मैं आत्मज्ञान प्राप्त करना चाहूं तो कितना समय लगेगा ?

ब्रह्म ने मनुष्य रूप में 11 लाख योनियों का सफर (1 करोड़ वर्ष की अवधि) निमित्त की है आत्मज्ञान पाने के लिए | भारतीय परिवेश में आत्मज्ञान, कैवल्य ज्ञान, तत्वज्ञान, ब्रह्मज्ञानी होना, तीसरा नेत्र खुलना, सहस्त्रार activate होना, छठी इंद्री जागृत होना, 84 लाखवी योनि पर पहुंचना – सब एक ही बात के सूचक हैं |   कोई भी साधक […]


मनुष्य जीवन आत्मज्ञान प्राप्त करने के लिए है ?

आत्माएं जब से ब्रह्म के घर से निकली हैं – उनका एक ही उद्देश्य है – ब्रह्मलीन होना, वापस ब्रह्म से मिल जाना | सूर्य मंडल में धरती बनी, आत्माओं ने 84 लाख योनियों का सफर शुरू किया | 73 लाख योनियां पार कर पहली बार मनुष्य योनि में आयी |   मनुष्य रूप में आत्मा चाहती है कि मनुष्य […]


क्या आपको कोई किताब अथवा कुछ भी पढ़कर संपूर्ण आत्मज्ञान हुआ ?

अगर किताबी ज्ञान से आत्मज्ञान मिल जाता तो प्रभु को 11 लाख मनुष्य योनियां बनाने की जरूरत ही क्या थी ? फिर तो बच्चा पैदा होता बड़े होकर अ आ इ ई सीखता और सीधे भगवद गीता के 700 श्लोकों की पढ़ाई | 25 की उम्र आने तक काम पूरा और मोक्ष हो जाता |   यह बात 100% तय […]


क्या आत्मज्ञान ही सर्व श्रेष्ठ ज्ञान है ?

सभी धार्मिक/ आध्यात्मिक शास्त्रों का एक ही निचोड़ है – जल्दी से जल्दी आत्मज्ञान/ तत्वज्ञान प्राप्त कर मोक्ष ले लेना | आत्मज्ञान यानि आत्मा का ज्ञान | जिस दिन मनुष्य कर्मों की पूर्ण निर्जरा करके अपने असली वजूद को जान लेता है कि वह जन्म मृत्यु के चक्रव्यूह में फंसा जीव नहीं बल्कि एक अजर अमर आत्मा है तो खेल […]


आत्मज्ञानी और ब्रह्मज्ञानी में क्या फर्क है ?

आत्मा चूंकि ब्रह्म का ही एक सूक्ष्म अंश है – आत्मज्ञान और ब्रह्मज्ञान एक ही बात को दर्शातें हैं | जब प्रलय होती है तो पूरे ब्रह्माण्ड में क्या बचता है – सिर्फ और सिर्फ सारी आत्माएं अपने पूर्ण शुद्ध रूप में | इन्हीं शुद्ध आत्माओं के गुच्छे को, जिसका आकार सिर्फ अस्थ अंगुष्ठ (आधे अंगूठे के बराबर) होता है […]


आत्मज्ञान उम्र की किस अवस्था से होता है ?

आत्मज्ञान प्राप्त करने के लिए परमात्मा ने मनुष्य रूप में 11 लाख योनियों का लंबा समय निर्धारित किया है (लगभग 1 करोड़ वर्ष की अवधि) | 5 वर्ष की आयु के बाद इंसान ब्रह्म की खोज में निकल सकता है | निर्धारण हमें करना है प्रभु को नहीं | मूलतः हम अध्यात्म में कब उतरेंगे – यह तय करता है […]


आत्मज्ञान ज्यादातर पुरुषों को ही क्यों हुआ ?

स्त्रियों में मोह की भावना कूट कूट कर भरी होती है – यहां तक कि सड़क के किनारे किसी और का बच्चा अकेले रोते हुए देखा नहीं कि एक बार जाकर जरूर पूछेंगी – बेटा क्या हुआ, रो क्यों रहे हो, मां बाप कहां है ? क्या किसी पुरुष को ऐसा करते देखा है (बुजुर्गों की बात छोड़ दीजिए) ? […]


क्या आत्मज्ञान सर्वोपरि है ?

आत्मा ने मनुष्य शरीर धारण किया है कि वह जल्दी से जल्दी अपने original शुद्ध स्वरूप में वापस आ सके | जिस दिन आत्मा 84 लाखवी योनि में वापस आ जाएगी, उस स्थिति को आत्मज्ञान प्राप्त करना कहते हैं, उससे पहले नहीं | वह stage जब मनुष्य को स्वयं का सही ज्ञान होता है कि वह शरीर नहीं बल्कि एक […]


आत्मज्ञान होने पर कैसे पता चलेगा ?

जब इंसान महावीर, बुद्ध, आदि शंकराचार्य, रामकृष्ण परमहंस या महर्षि रमण बनेगा – उसे कैसे मालूम चलेगा कि वह आत्मज्ञानी हो गया ? जब हमारी कुण्डलिनी पूर्णतया जागृत होगी और चक्र खुलेंगे – हमें मालूम कैसे चलेगा आत्मज्ञान होने का ? जब हम 84 लाखवी योनि में स्थापित होंगे और भगवद गीता और उपनिषदों में निहित ज्ञान के स्वामी होंगे […]


किसी आधुनिक संत के बारे में बता सकते हैं जिन्होंने अवश्य ही मुक्ति पाई ?

इस धरती पर महर्षि रमण अभी तक आख़िरी संत हुए जिन्होंने आत्मज्ञान प्राप्त कर मोक्ष लिया (निर्वाण नहीं) ! महर्षि रमण ने 1950 में शरीर छोड़ा और जन्म और मृत्यु के बंधन को काटकर हमेशा के लिए शुद्ध आत्मा बन गए | हम महर्षि रमण की बताई हुई किसी भी बात का अवलोकन करें – उसमें तत्व के अलावा और […]


ब्रह्मज्ञान और आत्मज्ञान क्या गंभीर लोगों की धरोहर है ?

आत्मज्ञान/ ब्रह्मज्ञान प्राप्त करना है तो serious तो होना ही पड़ेगा | एक लाख नोबेल पुरस्कार स्वामी विवेकानंद के चरणों में समर्पित कर दें तो भी स्वामी के लिए उनकी कीमत zero ही रहेगी ? आत्मज्ञान ब्रह्मज्ञान भौतिक ज्ञान से हटकर है – भौतिक ज्ञान जिसका मूल उद्देश्य होता है रोटी रोज़ी कमाना |   कोई भी इंसान कितना भी […]


आत्मज्ञान सिर्फ लॉजिक है पर बहुत कम लोग आत्मज्ञान प्राप्त कर पाते हैं ?

यह बात सही है कि आत्मज्ञान प्राप्त करने के लिए logic के रास्ते पर चलना होता है | चिंतन में हमें logic के द्वारा सत्य तक पहुंचना है | सत्य हर हाल में एक ही है विकल्प कई हो सकते हैं | सत्य/ logic की राह पकड़ हमें भगवद गीता के श्लोकों में छिपे तत्व/ मर्म तक पहुंचना है | […]


आज के समय आत्मज्ञान कैसे प्राप्त करें ?

आत्मज्ञान किसी भी समय, किसी भी युग में प्राप्त किया जा सकता है बस अपने अंदर सामर्थ होना चाहिए | भारत में 99.99% लोग जो आत्मज्ञान पाना चाहते हैं, लगभग सभी ने कोई न कोई गुरु बना रखा है | उनकी आत्मज्ञान पाने की आस तो वैसे ही zero हो गई | आत्मज्ञान के रास्ते पर गुरु का क्या काम […]