शायद खुद कभी भी मालूम नहीं चले लेकिन ब्रह्म खुद आकर बताएंगे यह निश्चित है | जब किसी भी साधक को आत्मज्ञान, ब्रह्मज्ञान प्राप्त हो जाता है तो ब्रह्म का साक्षात्कार १००% निश्चित है | ब्रह्म खुद आकर पहली योनि से ८४ लाखवी योनि का सफर दिव्य दृष्टि से दिखाएंगे और बताएंगे हमने क्या प्राप्त किया है |
ब्रह्म का सानिध्य पाकर आप शायद आपा खो दें, समझ नहीं आयेगा क्या करें क्या न करें | असीमित आनंद की अनुभूति जो शब्दों में बयां नहीं की जा सकती | यह तो ब्रह्म के जाने के बाद ही मालूम चलेगा कि शास्त्रों में निहित ज्ञान अब आपके लिए ABCD जैसा है | शायद ऐसा प्रतीत हो कि भगवद गीता और उपनिषदों में निहित ज्ञान आपकी खुद की कृति है पिछले किसी जन्म की |
आत्मज्ञान की प्राप्ति चूंकि permanent है तो आपको यह महसूस होगा कि जितने भी भारतीय शास्त्र हैं अगर वे किसी भी कारण नष्ट हो जाएं तो आप उन्हें रूबरू दोबारा पैदा कर सकेंगे |
12 years Tapasya | 12 साल की घोर तपस्या का सच | Vijay Kumar Atma Jnani