आत्मसाक्षात्कार


क्या भगवान को प्राप्त करना संभव है ?

ब्रह्म से साक्षात्कार, कैवल्यज्ञानी बनना, निर्विकल्प समाधि की स्थिति में पहुंचना आसान तो नहीं लेकिन असंभव भी नहीं | ब्रह्म प्राप्ति के लिए ब्रह्म ने 84 लाख योनियों का लंबा सफर निर्धारित किया है जिसमें आखिरी 11 लाख योनियां तो सिर्फ मनुष्य रूप में हैं | 11 लाख में हम जिस योनि में भी स्थित हैं, यह संभव है हम […]


ईश्वरीय सत्ता का अनुभव कब और किस प्रकार होता है ?

ब्रह्म का एहसास सिर्फ अध्यात्म के रास्ते पर चलकर किया जा सकता है | जब साधक ध्यान में चिंतन के माध्यम से उतरता है तो धीरे धीरे आध्यात्मिक प्रगति होती है और अंततः साधक रामकृष्ण परमहंस बन ही जाता है |   Dhyan kaise karein | ध्यान करने की सही विधि | Vijay Kumar Atma Jnani


भगवान को जान जाने से क्या होता है ?

भगवान को जान लेना यानि जीवन के आखिरी छोर पर पहुंच जाना | ब्रह्म के साथ साक्षात्कार यानि जन्म और मृत्यु के चक्रव्यूह से हमेशा के लिए छुटकारा | हम वापस एक शुद्ध आत्मा बन जाते हैं और दोबारा शरीर धारण करने की जरूरत नहीं रह जाती |   भगवान को जानने के लिए ब्रह्म ने खुद ११ लाख योनियां […]


ईश्वर साक्षात्कार में क्या होता है ?

जब साधक को ब्रह्म का साक्षात्कार होता है तो उस समय असमंजस की स्थिति होती है, समझ नहीं आता क्या हो रहा है | अंदर ही अंदर खुशी, नहीं आनंद की ऐसी अनुभूति हो रही होती है, robot बने हम जैसा ब्रह्म कहते हैं करते जाते हैं |   1993 3 अगस्त, सुबह के 1.45 AM ब्रह्म ने कंधे पर […]


आत्मसाक्षात्कार बिना गुरू और मंत्र के हो सकता है क्या ?

ब्रह्म से साक्षात्कार करने के लिए गुरु की आवश्यकता बिल्कुल भी नही | जिस साधक ने गुरु बना लिया, वह इस जन्म में ज्यादा आध्यात्मिक उन्नति नहीं कर सकता | क्यों ? साधक के अंदर हमेशा यह भावना बनी रहेगी कि गुरु को मेरे से ज्यादा ज्ञान है | इस भ्रांति के कारण हम यथोचित ध्यान/चिंतन नहीं कर पाएंगे | […]


आपने अपने आपको कैसे पहचाना ?

जीवन में 5 वर्ष की आयु से अध्यात्म का दामन थाम लिया | साथ में सत्य का चोला भी | ऐसा करने से हृदय से आती कृष्ण (सारथी) की आवाज़ बिल्कुल साफ सुन सकता था |   फिर शुरुआत हुई ब्रह्मचर्य के पालन की और ध्यान तो हर समय चलता रहता था | ध्यान वो नहीं जिसमें आज की दुनिया […]


आध्यात्मिक जागरण के बाद सबसे कठिन चरण क्या है ?

अगर साधक ने ब्रह्मचारी रहकर आध्यात्मिक जागरण किया तो शायद परेशानी ज्यादा न आएं | सब कुछ निर्भर करता है आप पर परिवार में कितने आश्रित हैं | स्वामी विवेकानंद पर शायद कोई आश्रित नहीं था फिर भी कम उम्र में (39 वर्ष) उनकी मृत्यु हो गई |   महर्षि रमण पर उनकी मां आश्रित थी | वह पहले 11 […]


परमात्मा को पाने के लिए साधना ज़रूरी है क्या ?

परमात्मा को कैसे पाना चाहते हो – हे परमात्मा, मैं तो तेरे घर आ गया, तू कबूल कर या नहीं |   जिस परमात्मा को हम जानते नहीं, जिसको किसी ने देखा नहीं, जिसको प्राप्त करने के लिए शास्त्र कहते हैं हमारी आत्मा 11 लाख मनुष्य योनियों के चक्रव्यूह से गुजरती है – वह बिना किसी साधना के क्या मिल […]


परमात्मा केवल अनुभव की चीज है या उसे देखा जा सकता है ?

परमात्मा (ब्रह्म) को हम कभी देख नहीं पाएंगे लेकिन जब भी उन्हें मेरे साथ बात करनी होती है तो कभी पीठ पर या कंधे पर जोर से थप थप करते हैं 3 ~ 4 बार | कितनी बार ऐसे हो चुका है | जब ब्रह्म आते हैं मेरे लिए कितना खुशी का समय होता है | last जब आए थे […]


क्या सिर्फ पुस्तक पढ़ने से परमात्मा को पाया जा सकता है ?

अगर परमात्मा पुस्तकों में मिल जाते तो लाखों नहीं करोड़ों भगवान को पा गए होते | ब्रह्म तक सिर्फ और सिर्फ ध्यान/ चिंतन में उतरकर पहुंचा जा सकता है | 12 वर्ष की अखंड ध्यान तपस्या जो महावीर ने 12 वर्ष टीले पर खड़े होकर की और बुद्ध ने 12 वर्ष बोधि वृक्ष के नीचे बैठकर |   12 वर्ष […]


अभी तक किसी को भगवान मिला है क्या ?

भगवान के होने का सबूत मांगते हो | ब्रह्म आस्था का विषय है विश्वास या विज्ञान का नहीं | विज्ञान बिना सबूत आगे नहीं बढ़ता और साधक ब्रह्म में पूर्ण आस्था रख कुत्ते के पीछे घी का कड़छा लिए भागता है क्योंकि उसे कुत्ते में भगवान नजर आ रहे हैं ( कुत्ता सूखी रोटियां उठाकर भाग गया था) | यह […]