धरती पर अगर हर इंसान अच्छा सोचने लगे तो दुनिया ही बदल जायेगी | तो हमे अपना लोटा तो दूध का ही डालना चाहिए | जब एक राजा ने मुनादी करवाई की राजमहल के बाहर जो खाली तालाब है उसमे सब एक एक लोटा दूध का डालेंगे | आश्चर्य की बात जब सब ने डाल दिया तो राजा ने देखा तालाब पानी से लबालब भरा है |
तालाब में दूध का दूर तक कोई नामोनिशान नहीं था | कलियुग है – सभी ने सोचा जब सब इतना दूध डालेंगे तो में अगर पानी से भरा डाल दूं तो क्या फ़र्क पड़ेगा | यही सभी ने सोचा और राजा ने छिप कर देखा – महामंत्री ने भी पानी से भरा लोटा ही डाला था | इस बारे में महावीर सही कहा करते थे – पहले तत्वज्ञानी बन जाओ फिर ज्ञान बांच लेना |
अगर आज के कलयुग में सभी दूध का लोटा डालें तो कलयुग कहां – सतयुग कहलाएगा | अगर हर इंसान अपनी ही जिम्मेदारी संभाल ले तो काफी है | हकीकत क्या है – सभी असत्य का दामन थामे हैं और चाहते हैं दूसरा सत्यवादी बना रहे | 2032 दूर नहीं, अगर लोगों ने तब तक खुद को नहीं सुधारा तो कल्कि अवतार सबको सुधारेगा |
2024 से 2032 तक का समय आध्यात्मिक दृष्टिकोण से | Vijay Kumar Atma Jnani