आत्मा को देखना चाहते हो – क्या सूर्य के गर्भ में जा सकते हो जहां temperature करोड़ों degrees centigrade है ? धरती पर व्याप्त सभी जीवों की आत्माएं सूर्य के गर्भ में स्थित है और वहीं से remote control से जीव का संचालन करती हैं | हर आत्मा का खुद का normal temperature करोड़ों degrees centigrade है |
अगर एक भी आत्मा धरती के नजदीक भी आ जाए तो पूरी धरती उसी वक़्त जल कर खाक हो जाएगी |
धरती पर जब शिशु मां के गर्भ में आता है तो उचित (नियमित) समय पर आत्मा Switch ON कर देती है और बच्चे का दिल धड़कना शुरू हो जाता है | Karmic Index के basis पर जब जीव का समय पूरा हो जाता है तो Switch OFF और जीव मृत्यु को प्राप्त हो जाता है यानि दिल धड़कना बंद कर देता है |
धार्मिक लोग आत्मा के स्वरूप को समझ ही नहीं सकते | आत्मा को समझने के लिए अध्यात्म के रास्ते गहन चिंतन में उतरना होगा | धार्मिक लोग प्रभु के चरणों में स्थान पाना चाहते हैं – उस प्रभु के जिसका ताप करोड़ों, अरबों, खरबों, नील, पदम, शंख, महाशंख से भी ज्यादा है | अज्ञानी बने रहने से काम थोड़े ही बनता है – घूमते रहों 11 लाख योनियों के भंवर में |
सच्चा साधक इसलिए अध्यात्म में उतर कर सच, तत्व को जानने की कोशिश करता है | ब्रह्म ने मनुष्य रूप में 11 लाख योनियों का लंबा सफर यूं थोड़े ही दिया है – आध्यात्मिक परिपक्वता आने में समय लगता है | गंगाजी में डुबकी लगा कर सोचेंगे सारे पाप धुल गए ? रामकृष्ण परमहंस या महर्षि रमण तत्वज्ञानियों की stage तक पहुंचना इतना आसान भी नहीं |
हम चूंकि एक आत्मा हैं और सूर्य के गर्भ में स्थित हैं, धरती पर तो remote control से चलने वाला सिर्फ शरीर रख छोड़ा है | शरीर कर्म करता रहेगा और आत्मा की शुद्धि होती रहेगी | हम सब सही मायने में robot से ज्यादा कुछ नहीं | इसी कारण ब्रह्म ने इस रोबोट में मैं (अहंकार) दी है जो शरीर को काम करने के लिए प्रेरित करती है |
अगर हम सभी चीजों के वास्तविक स्वरूप को समझना चाहते हैं तो धर्म (कर्मकांडो) का रास्ता छोड़ अध्यात्म में उतर जाना चाहिए | यह अध्यात्म ही है जो हमें मोक्ष की अवस्था तक ले जाएगा |
Difference between Atman and Brahman | आत्मा परमात्मा में भेद | Vijay Kumar Atma Jnani