पहले लोग मरते थे आत्मा भटकती थी अब आत्मा को मार लोग भटक रहे हैं ?


एक समय था जब आकस्मिक मृत्यु हो जाने पर लोगो के बीच यह किवदंती फैल जाती थी कि अब यह आत्मा चिरकाल तक भटकेगी | नॉर्मल मृत्यु होने पर ऐसी बातें नहीं कही जाती थी | समय बदला, कलियुग का प्रकोप और यह बात प्रचलन में आ गई कि आत्मा को मार लोग भटक रहे हैं | कलियुग में असत्य हाबी हो जाता है | लोग झूठ का सहारा ज्यादा लेने लगते हैं |

 

जब हम ज्यादा असत्य पर आधारित हो जाते हैं तो जमीर मर जाता है | हम हृदय से आती आत्मा की आवाज को अनसुना कर देते हैं | नतीजा – आत्मा की आवाज कुछ समय के लिए दब जाती है | इसी को हम आत्मा का मर जाना कहते हैं |

 

कलियुग में हम अक्सर देखते हैं कि लोग व्याकुल हो भटक रहे हैं | जब सच का साथ छोड़ दिया तो ऐसा तो होगा ही | लेकिन इंसान फिर भी खुद को बदलने को तैयार नहीं | यह भटकन तब तक रहेगी जब तक सतयुग नहीं आ जाता |

 

Listen to Inner Voice coming from within our Heart | हृदय से आती आवाज को सुनना सीखें | Vijay Kumar

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