जब कोई साधक सत्य का मार्ग पकड़ लेता है तो हमारी चेतना अंदर से हिलोरे मारना शुरू कर देती है | क्यों ? हमारे अंदर विद्यमान आत्मा को यह लगने लगता है कि अब उसे अपने गंतव्य तक पहुंचने का मौका मिलेगा यानी पूर्ण आंतरिक शुद्धि |
Power of Absolute Truth | अध्यात्म में सत्य का महत्व | Vijay Kumar Atma Jnani