अध्यात्म मानव जीवन की बुनियाद भी है और हिस्सा भी – वह कैसे ? अध्यात्म जीवन की बुनियाद है क्योंकि हम एक शरीर नहीं बल्कि एक आत्मा हैं | आत्मा के कहे रास्ते पर चलना हर इंसान का धर्म भी है और फ़र्ज़ भी | मनुष्य चाहे या न चाहे एक दिन तो अध्यात्मिक होना ही पड़ेगा – क्योंकि आत्मा अपनी शुद्धि जल्दी से जल्दी चाहती है |
अध्यात्म जीवन का हिस्सा है क्योंकि आत्मा दृष्टा बनी रहती है और कर्म इंसान को करना पड़ता है | अध्यात्म में उतरने के लिए जीवन में मनुष्य को ध्यान (चिंतन) करना होगा | बिना कर्मों की निर्जरा किए अध्यात्मिक पथ पर आगे नहीं बढ़ा जा सकता | अध्यात्मिक सफर में बिना कर्म किए गुजारा नहीं लेकिन कर्म निष्काम भाव से करने होते हैं |
जब हम भौतिक जगत में निष्काम भाव से कर्म करते हैं तो अध्यात्मिक उन्नति होती है | दोनों ही आत्मा की शुद्धि के लिए जरूरी हैं |
What is the real meaning of spirituality? अध्यात्म का वास्तविक अर्थ क्या है ? Vijay Kumar Atma Jnani