बिना प्रयास करे तो रोटी भी नहीं मिलती – फिर ब्रह्म को पाना, वह भी एक ही जीवन में, जबकि ब्रह्म ने मनुष्यों को 11 लाख योनियों का लंबा चक्र दिया है खुद तक पहुंचने के लिए | कोशिश तो करनी ही होगी – सिर्फ कोशिश नहीं गहन चिंतन में उतरना होगा |
भगवद गीता और उपनिषदों में छिपा तत्व यूं ही पल्ले नहीं पड़ेगा | 12 वर्ष की अखंड ध्यान और ब्रह्मचर्य की तपस्या में उतरकर कर्मों की पूर्ण निर्जरा करनी होगी – तभी ब्रह्म मिलेंगे | महर्षि रमण एक ही जीवन की तपस्या नहीं – न जाने किस योनि से इस अध्यात्मिक सफर में लगे हुए थे |
12 years Tapasya | 12 साल की घोर तपस्या का सच | Vijay Kumar Atma Jnani