पैसा शक्ति छोड़ अध्यात्म के रास्ते पर क्यों जाना चाहिए ?


यह बात दिवंगत राकेश झुनझुनवाला से कोई कहता तो शायद वह सुनते नहीं | शायद पैसे और शौहरत का नशा ही ऐसा होता है | आज bill gates से कोई यह बात कह कर देखे – सुनेगा नहीं |

 

राकेश झुनझुनवाला जब मृत्यु को प्राप्त हुए तो 48,000 करोड़ की संपत्ति छोड़ कर गए | लेकिन साथ कुछ नहीं गया, अध्यात्म के रास्ते तो वो चले ही नहीं | अध्यात्म कहता है अगले जन्म में सिर्फ और सिर्फ पुण्य या पाप कर्मों का खाता जाता है |

 

अगर पुण्य कर्मफल ज्यादा हैं तो बल्ले बल्ले | इस जीवन में न सही, अगले जीवन में आध्यात्मिक होने के chances पूरे हैं | जब मृत्यु के समय का karmic balance तय करेगा अगला जन्म कहां और किसके घर होगा तो पुण्य कर्म करना हमारी मजबूरी नहीं आवश्यकता है |

 

What Karma really means? कर्म का वास्तव में क्या अर्थ है? Vijay Kumar Atma Jnani

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