आध्यात्मिक ज्ञान


आध्यात्मिक ज्ञान से क्या तात्पर्य है और क्यों जरूरी है ?

आध्यात्मिक ज्ञान यानी शास्त्रों में निहित ज्ञान को समझने की कोशिश करना की आवश्यकता तब पड़ती है जब हम इस जीवन में स्वामी विवेकानंद की राह पर चलना चाहें | शास्त्र कहते हैं हम वास्तव में एक आत्मा हैं जिसने यह मनुष्य शरीर धारण किया है अपनी शुद्धि के लिए | इसके लिए ब्रह्म ने लगभग १ करोड़ की अवधि […]


कोई अज्ञानी से ज्ञानी किस प्रकार बन सकता है ?

सत्य की राह पकड़ कर कोई भी इंसान ज्ञानी बन सकता है | यही नहीं वह चाहे तो अध्यात्म का रास्ता पकड़ कर पहले स्वामी विवेकानंद और फिर रामकृष्ण परमहंस के लेवल पर जा सकता है |   Power of Absolute Truth | अध्यात्म में सत्य का महत्व | Vijay Kumar Atma Jnani


आप एक आध्यात्मिक शिक्षक होते तो लोगों को कौन सी बातें सिखाते ?

अध्यात्म शिक्षक के माध्यम से नहीं पढ़ाया जा सकता | आध्यात्मिक सफर एक अंदरूनी सफर है जो हमें खुद तय करना है ध्यान चिंतन के माध्यम से जैसे महर्षि रमण किया करते थे |   How spiritual values can be taught in school? आध्यात्मिक ज्ञान क्या स्कूलों में पढ़ाया जा सकता है


इस दुनिया में माँ से बड़ा कोई शिक्षक हो सकता है ?

अगर हम मां से ही बंधे रहेंगे तो पूर्ण विकसित कैसे होंगे | बचपन में मां फिर स्कूल में शिक्षक और शिक्षा के रास्ते पर मैं बढ़ चला | धीरे धीरे ज्ञात हुआ हमारी खुद की आत्मा से बड़ा कोई शिक्षक नहीं |   सत्य के मार्ग पर चलते हुए मैंने हृदय के अंदर से आती हुई आत्मा की आवाज़ […]


भगवत गीता अनुसार ज्ञान किसे कहा गया है – इसको प्राप्त करने की विधियां क्या हैं ?

भगवद गीता के ७०० श्लोकों में ज्ञान के अलावा और कुछ भी नहीं | भगवद गीता के श्लोकों में निहित ज्ञान सिर्फ चिंतन के माध्यम से ग्रहण किया जा सकता है | गीता ज्ञान की जरूरत पड़ती है आत्मा के अंदर निहित अज्ञान को खत्म करने के लिए | हमें अपने मस्तिष्क में कुछ भरना नहीं है बल्कि उसके अंदर […]


अति किसी भी चीज की सही नहीं – ज्ञान की भी नहीं ?

हमे ज्ञान की जरूरत पड़ती है अपने मस्तिष्क में निहित अज्ञान के अन्धकार को मिटाने के लिए | ज्ञान की अति नहीं होती | जब हमारा जीवन में कोई लक्ष्य नहीं होता तो हम सोशल मीडिया के ब्रह्मजाल में फंसकर फालतू इंफॉर्मेशन खंगालने में अपना अमूल्य समय नष्ट कर देते हैं | ५ वर्ष की उम्र में भगवान की खोज […]


कब कोई व्यक्ति अर्जित ज्ञान खो सकता है ?

भौतिक जीवन में मनुष्य किसी भी कारण से अर्जित ज्ञान भूल सकता है, खो सकता है लेकिन अध्यात्म में जो ज्ञान हम एक बार अर्जित कर लें वह हमारे साथ हमेशा रहता है | किसी भी कारण से गुम अथवा कम नहीं होता | भौतिक जीवन में हम जो सीखें, वह मृत्यु के साथ खत्म हो जाता है | अगले […]


अपने जीवन में सबसे ज्यादा ज्ञान किससे प्राप्त हुआ ?

अपनी खुद की आत्मा से ! मैं ५ वर्ष की उम्र से सत्य के साथ चला | चाहता भी तो झूठ नहीं बोल पाता था | इस कारण मैं हृदय से आती आत्मा की आवाज को भलीभांति सुन सकता था | आध्यात्मिक जीवन के हर पल में आत्मा की यह सुंदर आवाज़ मुझे गाइड करती चली गई |   जब […]


क्या ज्ञान गरु से लेना चाहिए या स्वयं से ?

सत्य का मार्ग पकड़ कर अगर हम हृदय से आती खुद की आत्मा की आवाज़ सुन सकते हैं तो अन्दर से आती आत्मा की आवाज़ से बेहतर कुछ भी नहीं | मैंने ५ वर्ष की आयु से अन्दर से आती इस आत्मा की आवाज़ की गाइडेंस के बूते पर अपना आध्यात्मिक सफर ३७ वर्ष की आयु में पूरा कर लिया […]


वो कौनसा ज्ञान है जिसके हो जाने से फिर किसी ज्ञान की जरूरत नहीं पड़ती ?

तत्वज्ञानी बनने के बाद कुछ और ज्ञान पाने की आवश्यकता नहीं रहती | क्यों ? तत्वज्ञानी जीवन के अंतिम छोर तक पहुंच कर जन्म और मृत्यु के चक्रव्यूह से हमेशा के लिए मुक्त हो जाता है | जब आत्मा शुद्ध रूप में आ जाती है तो उसे अगला शरीर धारण करने की आवश्यकता ही नहीं रहती |   तत्वज्ञान प्राप्त […]


क्या अध्यात्मिकता में धर्म व संस्कृति का महत्व है ?

अध्यात्म के रास्ते पर कौन चलता है, वे साधक जो एक ऐसी संस्कृति से आए हों जो धर्म पर आधारित है जैसे भरतवंशी | अध्यात्म के मूल से क्या पाश्चात्य जगत परिचित है ? बिल्कुल नहीं, वे तो आत्मा होती है, इसे भी नकारते हैं |   पूरे विश्व में, धरती माता के ऊपर सिर्फ और सिर्फ भारत ही ऐसा […]


पूर्व और पश्चिम में बहुत सारे गुरु ज्ञान के लिए अपना रास्ता बताते हैं – कैसे जानें वह सच बोल रहे हैं ?

ब्रह्म का साक्षात्कार हुए 30 वर्ष हो गए | इंटरनेट पर 6500 के लगभग articles हैं English में (काफी websites हैं) | दुनियाभर में 10 लाख से ज्यादा silent साधक हैं जो नियमित रूप से मेरे द्वारा लिखित articles पढ़ते रहते हैं | तो क्या मैं अपना ही आध्यात्मिक केंद्र, अपनी ही आध्यात्मिक शिक्षा प्रणाली शुरू कर दूं ?   […]


सिर्फ़ किताबों को पढ़ कर आध्यात्म को जाना जा सकता है क्या ?

हम सभी ने पढ़ा – अर्जुन का बेटा अभिमन्यु महाभारत के युद्ध में चक्रव्यूह में फंस कर कौरवों द्वारा मारा गया | हुआ यों कि जब अर्जुन अपनी पत्नी सुभद्रा को चक्रव्यूह से बाहर निकलने की विधि समझा रहे थे तो सुभद्रा को नींद आ गई | अभिमन्यु उस समय मां के गर्भ में था | चक्रव्यूह में कैसे घुसते […]


आध्यात्मिक ज्ञान में सब कुछ मिलने पर भी अधूरापन क्यों लगता है ?

आध्यात्मिक सफर की सबसे बड़ी गलती, या कहें सबसे बड़ा भ्रम क्या है – कि हमें वेदों से, उपनिषदों से और भगवद गीता से आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करना है | प्राप्त करना उसी sense में जैसे किताबी ज्ञान प्राप्त किया जाता है |   जब हम भौतिक जगत के ज्ञान/ विज्ञान को पढ़ते है तो कोशिश करते हैं उसे अपनी […]


हिन्दू धर्म के ग्रंथो पुराणों वेदों उपनिषदों को पढ़ने के लिए समय मिल सकेगा ?

हम किसी भी पुस्तकालय या बुकस्टॉल पर जातें हैं तो क्या सभी पुस्तकों को पढ़ने की सोचते हैं ? क्या यह practically संभव है ?आध्यात्मिक शास्त्रों और पुस्तकों के भंडार में कदम रखने से पहले हमें अपने इस जीवन का लक्ष्य तय करना होगा | अगर जीवन का कोई लक्ष्य नहीं तो एक भी शास्त्र पढ़ने का क्या फायदा होगा […]


आध्यात्मिक गुरुओं के ज्ञान का स्रोत क्या है ?

तत्वज्ञानी गुरुओं का ज्ञान आता है ब्रह्माण्ड के उस छोर से जहां स्थित है reservoir of mind plus (अच्छे विचारों का तालाब) | दुनियां में आते, लोगों के अंदर उमड़ते सारे विचार यही से आते हैं | कर्मों की निर्जरा होते ही दिमाग तो पूर्णतया खाली हो गया लेकिन फिर तत्वज्ञानी उस reservoir से हमेशा के लिए जुड़ भी जाता […]


साधना से आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है क्या ?

कौन सी साधना – 12 साल की ध्यान की तपस्या वह साधना है जिसके पालन से किसी भी साधक को आत्मज्ञान प्राप्त हो सकता है | सिर्फ ध्यान से काम नहीं होगा, 12 साल की ब्रह्मचर्य की अखंड तपस्या भी साथ साथ करनी होगी | तब जाकर कर्मों की पूर्ण निर्जरा होगी और कुंडली पूर्ण जागृत होगी और चक्र खुलेंगे […]


क्या सच्चा गुरु मिलना मुश्किल है ?

सच्चा गुरु कौन – जिसे तत्वज्ञान प्राप्त हो गया हो जैसे महर्षि रमण | महर्षि रमण को गुजरे 74 साल हो गए – दूसरा महर्षि रमण क्यों नहीं आया ? महावीर कहते थे – जब तक कैवल्य ज्ञान ने हो जाए, देशना (discourse) मत देना | अधकचरा ज्ञान जो आजकाल के गुरु बांट रहे हैं उसे लेकर क्या करोगे ? […]


संतो की ज्ञान भरी बातें कहाँ मिलेगी ?

संतों की वाणी या तो उनकी खुद की लिखी पुस्तकों में मिल जाएंगी या उन पर लिखी पुस्तकों में | महर्षि रमण ने हिंदी या संस्कृति में नहीं लिखा | तो अनुवादक के द्वारा त्रुटि की गुंजाइश तो है | अपने विवेक का इस्तेमाल कर हमें सत्य को असत्य से अलग करना होगा, तभी हम तथ्य तक पहुंच पाएंगे | […]


अगर कोई एक जन्म में अध्यात्म में थोड़ी प्रगति कर लेता है और मृत्यु को प्राप्त हो जाता है तो अगले जन्म में क्या फिर से पहली सीढ़ी से शुरुआत करनी होगी ?

अध्यात्म की यही सबसे बड़ी खूबी है कि जो भी उन्नति साधक इस जन्म में कर लेगा वह नष्ट नहीं होती, अगले जन्म में हम उसी level से शुरू करते हैं जिस level पर पिछले जन्म में मृत्यु के समय छोड़ा था | इसके विपरित बिल गेट्स को लीजिए, इस जन्म में लाखों करोड़ के मालिक, हो सकता है अगला […]


अपने आध्यात्मिक अनुभव किसी को नहीं बताने चाहिए क्या यह सत्य है ?

अपने आध्यात्मिक जीवन के सत्य जिस किसी को भी आप बताएंगे – वह आपको मूर्ख से ज्यादा कुछ नहीं समझेगा | जिस इंसान का लक्ष्य अध्यात्म नहीं – उसे कुछ बताकर आप अमूल्य समय नष्ट कर रहे हैं | भगवद गीता में कृष्ण कहते भी हैं कि अयोग्य पात्र को कभी भी गीता ज्ञान नहीं बांटिए |   आज के […]


क्या बुद्धिमान लोग आध्यात्मिक भी होते हैं ?

अध्यात्म का बुद्धिमत्ता से क्या लेना देना ? JRD Tata से बेहतर कर्मयोगी कोई सुना है ? उनका दूर दूर तक अध्यात्म से कोई नाता नहीं था | Tata group से बेहतर business group भारत में कोई हो सकता है ? अध्यात्म की राह पर चलने की ब्रह्म की तरफ से कोई पाबंदी नहीं |   अध्यात्म में अंगूठा टेक […]


आधुनिक भारत में सबसे विश्वसनीय आध्यात्मिक गुरू कौन है ?

बचपन में मैंने गुरु खोजने की भरपूर कोशिश की लेकिन असफलता ही हाथ लगी | फिर स्वयं ब्रह्म ही मेरे गुरु हो गए – कैसे, यह मैं अन्यत्र/ videos में बता चुका हूं | फिर आध्यात्मिक सफर में एक बड़ी विचित्र बात समझ आयी – सारी दुनिया गुरु ढूंढ़ती है, विलाप करती है भरोसे का गुरु कहां ढूंढे ?   […]


सबसे पहले गुरु कौन होता है ?

किसी से भी पूंछे कि सबसे पहला गुरु कौन – सबका उत्तर एक ही होगा – मां | गलत | जीवन में सबसे पहला गुरु – ब्रह्म/ या कहें हृदय में बैठी हमारी खुद की आत्मा | ऐसा क्यों ?   जब 5 वर्ष की आयु में मौत से आमना सामना हो गया और सभी डॉक्टर्स यह कह कर चले […]


कम उम्र में बच्चों के लिए क्या आध्यात्मिक शिक्षा आवश्यक है ?

अध्यात्म का सिर्फ मूल ही बच्चों को दिया जा सकता है – अध्यात्म क्या है, उसके रास्ते पर चलकर क्या उपलब्धि होती है | जब तक भारत में गुरुकुल शिक्षा प्रणाली वापस नहीं आएगी, बच्चों को आध्यात्मिक ज्ञान देना संभव नहीं | अध्यात्म कभी भी पढ़ाया नहीं जा सकता | वह तो अन्दर का सफर है – हृदय में स्थित […]


भौतिक ज्ञान जहां समाप्त होता है वहां से अध्यात्म की शुरुआत होती है कैसे ?

जीवन में दोनों भौतिक ज्ञान और आध्यात्मिक ज्ञान की जरूरत होती है | हम हर समय जीवन भी तो दो जीते हैं | भौतिक ज्ञान की जरूरत पड़ती है रोटीरोजी कमाने के लिए और आध्यात्मिक ज्ञान की ब्रह्म की ओर बढ़ने के लिए |   IIT से civil engineering को रोटीरोजी का साधन बनाया और ब्रह्म की ओर बढ़ने के […]