अगर हम मां से ही बंधे रहेंगे तो पूर्ण विकसित कैसे होंगे | बचपन में मां फिर स्कूल में शिक्षक और शिक्षा के रास्ते पर मैं बढ़ चला | धीरे धीरे ज्ञात हुआ हमारी खुद की आत्मा से बड़ा कोई शिक्षक नहीं |
सत्य के मार्ग पर चलते हुए मैंने हृदय के अंदर से आती हुई आत्मा की आवाज़ को सुनने की कोशिश की और में कामयाब हुआ | अंततः ३७ वर्ष की अवस्था में मुझे ब्रह्म का साक्षात्कार हो गया |
Listen to Inner Voice coming from within our Heart | हृदय से आती आवाज को सुनना सीखें | Vijay Kumar