संतों की वाणी या तो उनकी खुद की लिखी पुस्तकों में मिल जाएंगी या उन पर लिखी पुस्तकों में | महर्षि रमण ने हिंदी या संस्कृति में नहीं लिखा | तो अनुवादक के द्वारा त्रुटि की गुंजाइश तो है | अपने विवेक का इस्तेमाल कर हमें सत्य को असत्य से अलग करना होगा, तभी हम तथ्य तक पहुंच पाएंगे |
आदि शंकराचार्य की संपूर्ण टीकाएं गीताप्रेस, गोरखपुर के किसी भी डिपो/ बुकस्टॉल में मिल जाएंगी | रामकृष्ण परमहंस ने स्वयं कुछ लिखा नहीं | इसी तरह महावीर और बुद्ध की वाणी जैन शास्त्रों और बौद्ध साहित्य में मिल जाएगी | अवलोकन कर दूध से पानी हमें खुद ही अलग करना होगा | धार्मिक पुस्तकें त्रुटियों से भरी पड़ी हैं |
गीताप्रेस, गोरखपुर से हमें भगवद गीता और 9 उपनिषदों पर टीका मिल जाएंगी – पूर्ण शुद्ध रूप में, original श्लोकों सहित |
1. श्रीमद्भगवद्गीता – पदच्छेद, अन्वय और साधारण भाषाटीकासहित (17)
2. ईशादि नौ उपनिषद् (66)
3. छान्दोग्य उपनिषद्
4. बृहदारण्यक उपनिषद्ब्रह्म तक पहुंचने के लिए बस इतना ही काफी है |
What spiritual books should i read | कौनसी आध्यात्मिक पुस्तकें पढ़े | Vijay Kumar Atma Jnani