हिन्दू धर्म के ग्रंथो पुराणों वेदों उपनिषदों को पढ़ने के लिए समय मिल सकेगा ?


हम किसी भी पुस्तकालय या बुकस्टॉल पर जातें हैं तो क्या सभी पुस्तकों को पढ़ने की सोचते हैं ? क्या यह practically संभव है ?आध्यात्मिक शास्त्रों और पुस्तकों के भंडार में कदम रखने से पहले हमें अपने इस जीवन का लक्ष्य तय करना होगा | अगर जीवन का कोई लक्ष्य नहीं तो एक भी शास्त्र पढ़ने का क्या फायदा होगा ?

 

अगर हमारे जीवन का लक्ष्य डॉक्टर बनना है तो हम engineering की किताबें क्यों पढ़ेंगे ? अगर हमारे जीवन का लक्ष्य आत्मज्ञान पाकर मोक्ष लेना है तो आपको सिर्फ 4 टीकाएं काफी होंगी जो गीताप्रेस, गोरखपुर के किसी भी बुकस्टॉल या डिपो में लगभग Rs. 700/= में मिल जाएंगी |

 

1. श्रीमद्भगवद्गीता – पदच्छेद, अन्वय और साधारण भाषाटीकासहित (17)

2. ईशादि नौ उपनिषद् (66)

3. छान्दोग्य उपनिषद्

4. बृहदारण्यक उपनिषद

 

इसके अलावा आप कुछ भी आध्यात्मिक literature समय समय पर पढ़ना चाहें तो कोई पाबंदी नहीं |

 

What spiritual books should i read | कौनसी आध्यात्मिक पुस्तकें पढ़े | Vijay Kumar Atma Jnani

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