उपनिषद


उपनिषदों और भगवद गीता का अध्ययन क्यों जरूरी है ?

भारतीय दर्शन शास्त्र कहते हैं हम मूलतः एक आत्मा हैं जो अपने अंदर समाहित अशुद्धि को समूल नष्ट करने के लिए 84 लाख योनियों के लंबे भंवर से गुजरते हैं | 84 लाख योनियों में आत्मा आखिरी 11 लाख योनियां मनुष्य रूप में धारण करती है |   तो धरती पर मनुष्य की मूल जिम्मेदारी क्या है ? आत्मा को […]


उपनिषदों की विषयवस्तु क्या है ?

सबसे पहले वेद इस धरा पर आए – सीधे ब्रह्म से | सभी वेद इतने voluminous थे कि उनका सार आम जनता तक पहुंच नहीं पा रहा था | इस समस्या का समाधान ऋषियों के एक समूह ने निकाला |   जिसकी जैसे रुचि थी उसी विषय को विस्तार दिया | किसी उपनिषद में आत्मा के ऊपर जानने योग्य लगभग […]


उपनिषदों को दार्शनिक ज्यादा महत्वपूर्ण क्यों मानते हैं ?

आज के समय में धार्मिक कर्मकांडो, अनुष्ठानों का कोई महत्व नहीं तो वेदों को पढ़ने की जरूरत नहीं | अज्ञान के अन्धकार को काटने के लिए जिस ज्ञान के प्रकाश की जरूरत है वह उपनिषदों में मौजूद है |   उपनिषदों में हर subject जैसे आत्मा, परमात्मा और मोक्ष इत्यादि पर बहुत detailed विवेचना, व्याख्या मिल जाएगी | इसके अलावा […]


उपनिषदों की मूल प्रति कहां से मिल सकती है ?

आज के समय में 9 principal उपनिषद ही काफी हैं जो गीताप्रेस, गोरखपुर के किसी भी बुकस्टॉल या डिपो से मिल जाएंगे – ईशादि नौ उपनिषद् (66) | इस संस्करण में सभी 9 उपनिषदों का मूल टीका सहित उपलब्ध है |   इसके अलावा इस जन्म में मोक्ष प्राप्त करने के लिए – छान्दोग्य उपनिषद् और बृहदारण्यक उपनिषद् के ऊपर […]


मुख्य उपनिषदों की संख्या कितनी है ?

भारतीय शास्त्रों में उलझने से पहले हमें अपना गंतव्य/ मंतव्य तय करना होगा | वेद/ उपनिषद कितने हैं – जानकर क्या होगा |   Librarian तो बनना नहीं है, जो हर समय असीमित ज्ञान से घिरा रहता है लेकिन खुद का ज्ञान लगभग zero !   अगर मोक्ष की स्थिति तक पहुंचना है तो निम्नलिखित 3 टीकाएं गीताप्रेस, गोरखपुर के […]