उपनिषदों और भगवद गीता का अध्ययन क्यों जरूरी है ?
भारतीय दर्शन शास्त्र कहते हैं हम मूलतः एक आत्मा हैं जो अपने अंदर समाहित अशुद्धि को समूल नष्ट करने के लिए 84 लाख योनियों के लंबे भंवर से गुजरते हैं | 84 लाख योनियों में आत्मा आखिरी 11 लाख योनियां मनुष्य रूप में धारण करती है | तो धरती पर मनुष्य की मूल जिम्मेदारी क्या है ? आत्मा को […]