कर्मफल


कर्म फल आदमी कब और किस प्रकार भुगतता है ?

कर्मफल हमेशा आत्मा का होता है न कि शरीर का जो आत्मा ने धारण किया है | भगवद गीता में भगवान कृष्ण स्पष्ट कहते हैं, कर्म करो, फल की चिंता मत करो | क्यों ? क्योंकि फल automatically आत्मा तक पहुंच जाता है |   कृष्ण यह भी कहते हैं कर्म निष्काम भाव से करो | इससे क्या होगा ? […]


कर्म फल क्या हैं – क्या कर्मफल को बदला जा सकता हैं ?

जब मनुष्य कोई भी कर्म करता है तो फल (पारिश्रमिक) उत्पन्न होगा और अपने वक़्त पर ही मिलेगा | फल कब और कैसे मिलेगा यह मनुष्य के हाथ में नहीं | फल हमेशा मालिक का होता है यानि आत्मा का | लेकिन मनुष्य कर्म में उलझता है फल के लालच में |   मनुष्य का फ़र्ज़ है कर्म करना | […]


ज़िन्दगी में किये कर्मो का फल कब मिलता है ?

कर्मफल मनुष्य के हाथ में नहीं | कर्मफल आत्मा की बपौती है | ब्रह्म के बनाए नियमानुसार कर्मफल हमें तुरंत, ४ दिन बाद, ६ महीने बाद, २ साल बाद या फिर ६ योनि बाद भी मिल सकता है | ऐसा नियम ब्रह्म ने इसलिए स्थापित किया कि होशियार मनुष्य उसे manipulate न कर ले | अगर हमें पहले से मालूम […]


जब पुराने जन्म के कर्म से ये जीवन मिलता है तो पहला जन्म हमें किस कर्म से मिला था ?

जब आत्मा पहली बार मनुष्य शरीर धारण करती है यानि ७३००००१ योनि तो वह सीधे पशु योनि से मनुष्य योनि में आती है | जैन धर्म में आप देखेंगे कि महावीर की मूर्ति के नीचे एक शेर दिखाया जाता है | माना जाता है कि महावीर सीधे शेर की योनि से आए थे | ऐसा संभव तो नहीं क्योंकि मनुष्य […]


मुझे जीवन में बहुत दुखी मिले पति की तरफ से – बच्चे भी नहीं है – पिछले कौन से कर्म होंगे जो इतना दुख मिल रहा है भगवान की सेवा के बाद भी ?

दुख की परिभाषा क्या है ? जब हम evolve होते हैं, जीवन में आगे बढ़ते हैं, विकसित होते हैं तो जीवन में सुख और दुख दोनों मिलेंगे | यह प्रभु का नियम है |   जब एक लोहार कोई औजार बनाता है तो पहले उस लोहे की छड़ को गर्म करता है और फिर पीट कर आकार में लाता है […]


पूर्व जन्म के कर्म इस जन्म में क्यों मिलते है – क्या पूर्व के अच्छे फल इस जन्म में मिलते है ?

कर्म बाकी हैं तभी तो आत्मा को एक और शरीर धारण करना पड़ता है | अगर इंसान आध्यात्मिक होकर कर्मों की पूर्ण निर्जरा कर ले तो आत्मा पूर्ण शुद्धि प्राप्त कर लेगी | एक शुद्ध हुई आत्मा को शरीर की कोई आवश्यकता नहीं | आत्मा तो शरीर धारण ही तब तक करती है जब तक उसे अशुद्धियों ने जकड़ रखा […]


कर्म के फलों को कैसे त्यागे ?

यह संभव हो पाता है जब हम सत्य के मार्ग पर चलते हुए खुद के लिए नहीं सारी दुनिया के लिए जीते हैं | ऐसा करने से धीरे धीरे हमें यह अहसास होने लगता है कि मनुष्य शरीर आत्मा ने धारण किया है, शरीर की मालिक तो वह है और हम मनुष्यों को कर्म, निष्काम भाव से करते हुए जीवन […]


कैसे पता करें हमारी किस्मत अच्छी है या बुरी ?

किस्मत कैसी भी हो, पूरा ब्रह्माण्ड कर्म theory पर टिका है, जैसा करोगे वैसा फल मिलेगा | काफी लोग इस बात से भगवान से नाराज़ हैं कि फल तुरंत क्यों नहीं मिलता | सोचिए अगर हमें मालूम हो ऐसा करने से ये मिलेगा, तो जरूरत से ज्यादा होशियार मानव भगवान को भी गच्चा दे जाए – कर्म theory को interpolate […]


कर्म का पुनर्जन्म से क्या संबंध है ?

मृत्यु के समय का karmic balance तय करता है आत्मा को नया शरीर कहां और किस घर में मिलेगा | यह भी संभव है इस जन्म में हम भारत में भोपाल के एक घर में पुरुष पैदा हुए और अगला जन्म हमारी आत्मा को स्कॉटलैंड में एक नारी के रूप में मिले |   जब से सृष्टि बनी है पूरा […]


पति पत्नी जिनकी इच्छाएं अधूरी रह गई दूसरे जन्म में दोबारा मिलते हैं ?

अगर हमारा किसी दूसरी आत्मा के साथ कार्मिक शेष है तो आगे आने वाले जन्मों में मुलाकात तो हो सकती है लेकिन दूसरे रूप में | हो सकता है इस जन्म की पत्नी दो जन्मों बाद बेटा बनकर आए या पोती बन जाए | रिश्ता कुछ भी हो सकता है जिससे दोनों बेखबर होंगे |   जब तक कार्मिक शेष […]


क्या पूर्वजन्म में किए कर्मो का भुगतान इस जन्म में करना पड़ता है ?

  पिछले सभी जन्मों के karmic balance के आधार पर आत्मा एक घर में जन्म लेती है | लेकिन कर्मफल का एक अंश संचित प्रारब्ध कर्मफल के रूप में प्रभु रोक लेते हैं | वह कभी भी फलित हो सकता है, अगले जन्म में या 4 जन्म बाद |   हमने किस घर में जन्म लिया, यह तय किया पिछले […]


अपने कर्मो से क्या हम अपना भाग्य बदल सकते है ?

यह निर्भर करता है हमारे संचित प्रारब्ध पर | अगर हमारा संचित प्रारब्ध का karmic balance -20 है और हर समय अच्छे कर्मों में लिप्त रहने के बावजूद हमने +2 अर्जित किए | तो अगर आज संचित प्रारब्ध फलित हों जाएं तो हमे -18 की मार पड़ेगी | हो सकता है हमारी कमर टूट जाएं – दुखों के पहाड़ को […]


भाग्य क्या होता है कैसे बनता है क्या भाग्य को बनाने में सिर्फ कर्म का योगदान होता है ?

अब तक हमारी आत्मा ने जितने भी शरीर धारण किए उसका मृत्यु के समय जो karmic balance है, वह तय करता है हमारा अगला जीवन कहां और कैसे गुजरेगा | जैसे हमारे कर्म वैसा भाग्य हमें मिलेगा | हम नींबू के पेड़ पर आम की फसल की उम्मीद नहीं कर सकते | जो बोया वही काटेंगे | भाग्य एक ही […]


अगर किसी की भलाई के लिए ईश्वर से कुछ मांगा जाए तो क्या ये हमारे पुण्य से कटेगा ?

जब हम किसी और की भलाई के लिए भगवान से कुछ मांगते हैं तो कुछ अंश अपने पुण्य कर्मफल से ब्रह्म को समर्पित करना ही होता है लेकिन अध्यात्म की सबसे बड़ी विशेषता यह है – जब हम औरों का भला सोचते हैं तो हमें ब्रह्म से गुप्त अनुदान के रूप में बहुत कुछ मिलता रहता है | जब भी […]


इंसान मरने के बाद क्या ले जाता है ?

इंसान एक जिंदगी के लिए आता है – मरने के बाद कुछ नहीं ले जाता | जब इंसान की मृत्यु होती है तो जो भी कर्मफल का balance है वह आत्मा के साथ अगले जन्म तक जाता है | यह कर्मफल का closing balance ही तो है जिसके आधार पर यह तय होता है आत्मा अगला शरीर कहां (जगह, घर) […]


भगवान के घर देर है अंधेर नहीं पर देर क्यों ?

क्या आप 99 degree तक पानी गरम करके भांप बना सकते हैं – भांप तो 100 degrees पर ही बनेगी | हम असल जिंदगी में 98 degrees पर ही फल का इंतज़ार करने लगते हैं | अभी 99 फिर 100 तक इंतजार तो करें – अन्यथा देरी के लिए भगवान को कोसने लगेंगे | कर्म theory प्रधान है |   […]


कोई भी व्यक्ति जन्म से अंधा जन्म से लंगड़ा जन्म से बहरा क्यों होता है ?

हर इंसान के हर पल के कर्मों का हिसाब karmic index के बहिखाते में अंकित हो जाता है | अगर कोई इंसान जन्म से अंधा है तो शास्त्रानुसार उसने पिछले जन्मों में अपनी आंखों का गलत इस्तेमाल किया होगा कि इस जन्म में उसे बुरे कर्मों का सिला मिला | यहां कोई भ्रांति नहीं है – ऐसा ही होता है […]


मरने के बाद दिमाग राख हो जाता है फिर पिछले जन्म का अगले जन्म में याद कैसे रहता है ?

हम जो भी बोलते हैं कहते हैं वह मानसिक तरंगों में परिवर्तित हो ब्रह्माण्ड में घूमता रहता है | एक भी विचार – एक भी वाणी स्वतः नष्ट नहीं होती | इसलिए कहा जाता है अच्छा बोले क्योंकि वह शब्द तरंगे बन वातावरण में हमेशा मौजूद रहते हैं | हमारे मुंह से निकला एक भी अपशब्द खत्म नहीं होता – […]


क्या पिछले जन्म के कर्मों का भुगतान इस जन्म में भी करना पड़ता है ?

अपने वर्तमान जीवन में अभी तक जो भी मिला, जिस भी इंसान से मुलाक़ात हुई – उसके पीछे पिछले जन्मों का कर्मबंधन है | रिश्ता जड़ से तभी खत्म होता है जब कर्म की निर्जरा हो जाए – अन्यथा वह रिश्ता आगे भी चलता रहेगा, न जाने कितने जीवन तक ?   रही कर्मों की बात – संचित कर्मफल किसी […]


क्या कर्म का फल अगले जन्म में भी मिलता है ?

हमारा मृत्यु के समय कार्मिक balance अगर +29 है तो हमारी आत्मा जो नया शरीर लेगी उसका पैदा होने के वक़्त से ही कार्मिक balance +29 रहेगा | वर्तमान जीवन में हमने कुछ कार्य किए और +2 कर्मफल अर्जित किया तो हमारा वर्तमान में कार्मिक balance हो गया +31 |   जीवन में जो भी कर्मफल अर्जित करेंगे (+) या […]