क्या पिछले जन्म के कर्मों का भुगतान इस जन्म में भी करना पड़ता है ?


अपने वर्तमान जीवन में अभी तक जो भी मिला, जिस भी इंसान से मुलाक़ात हुई – उसके पीछे पिछले जन्मों का कर्मबंधन है | रिश्ता जड़ से तभी खत्म होता है जब कर्म की निर्जरा हो जाए – अन्यथा वह रिश्ता आगे भी चलता रहेगा, न जाने कितने जीवन तक ?

 

रही कर्मों की बात – संचित कर्मफल किसी भी जीवन में फलित हो सकता है – यहां तक 10 जन्मों के बाद भी ? ऐसा क्यों होता है – यह ब्रह्म ही जाने ? इसलिए इंसान को हमेशा पुण्य कर्मों में ही लिप्त रहना चाहिए – जिससे भविष्य अंधकारमय न हो |

 

हमने अक्सर देखा होगा कि अच्छे कार्यों में लगे रहने के बावजूद कुछ लोग जिंदगी में दुख झेलते रहते हैं – कारण, पिछले जन्मों का (-) संचित प्रारब्ध फलित हो गया | बचने का रास्ता नहीं | पिछले जन्मों में पापकर्म किए तो फल भुगतना ही होगा ?

 

What is Prarabdha Karma | प्रारब्ध कर्म क्या होता है | Vijay Kumar Atma Jnani

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