भाग्य क्या होता है कैसे बनता है क्या भाग्य को बनाने में सिर्फ कर्म का योगदान होता है ?


अब तक हमारी आत्मा ने जितने भी शरीर धारण किए उसका मृत्यु के समय जो karmic balance है, वह तय करता है हमारा अगला जीवन कहां और कैसे गुजरेगा | जैसे हमारे कर्म वैसा भाग्य हमें मिलेगा | हम नींबू के पेड़ पर आम की फसल की उम्मीद नहीं कर सकते | जो बोया वही काटेंगे | भाग्य एक ही जन्म के कर्म तय नहीं करते |

 

2012 में US में एक धोबन (washer woman) की 780 करोड़ की लॉटरी लगी | वर्तमान जीवन में मुश्किल से जीवनयापन कर रही थी | पिछले जन्मों में कुछ तो कर्म ऐसे किए होंगे कि इतनी बड़ी लॉटरी लगी | जीवन में सारा खेल कर्मों का ही है | इसलिए भगवद गीता में कृष्ण पुण्यकर्म करने पर जोर देते हैं |

 

अच्छे कर्म करते रहो – जो हो रहा है वह भी अच्छे के लिए हो रहा है और आगे जो होगा वह भी अच्छे के लिए होगा |

 

What Karma really means? कर्म का वास्तव में क्या अर्थ है? Vijay Kumar Atma Jnani

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