कर्मभूमि शब्द धरती मां के लिए इस्तेमाल होता है | ब्रह्माण्ड बनने के बाद जब आत्माएं ब्रह्माण्ड में फैलती जा रही थी तो उन्हें एक कर्मभूमि की जरूरत थी जहां वे शरीर धारण कर अपने अंदर की अशुद्धियों को जड़ से खत्म कर सकें |
आत्मा खुद कर्म कर नहीं सकती | कर्म करने के लिए उन्हें एक शरीर की आवश्यकता होती है | जैसे जैसे अध्यात्म में उलझकर साधक कर्मो की निर्जरा करता है वह आध्यात्मिक जीवन में आगे बढ़ जाता है | सम्पूर्ण कर्मो की निर्जरा मतलब रामकृष्ण परमहंस या महर्षि रमण बन जाना |
Nishkama Karma Yoga | निष्काम कर्म योग का महत्व | Vijay Kumar Atma Jnani