क्या ज्ञान के माध्यम से कलियुग के प्रभाव से बच सकते हैं ?


कलियुग में कलियुग के प्रभाव से बचने का सिर्फ और सिर्फ एक उपाय है – सत्य के मार्ग पर चलते हुए विवेक का इस्तेमाल | सारी दुनिया (मुख्यत: भारत के लोग) भौतिकवाद (materialism) में ज्यादा फंसे हैं |

 

जब तक हम अपनी इच्छाओं को लगाम नहीं देंगे, ज्ञान क्या करेगा ? शुद्ध ज्ञान, जिसे प्राप्त कर मनुष्य ब्रह्म तक पहुंच सकता है भगवद गीता में उपलब्ध है और भगवद गीता की सबसे श्रेष्ठ टीका गीताप्रेस, गोरखपुर से मात्र Rs 60/= में मिल जाती है |

 

सबसे छोटी और सस्ती मात्र Rs 5/= में, लेकिन कितने लोगों ने ज्ञान प्राप्त कर लिया ? आजकल पढ़ेलिखे लोग पाप वृत्ति में ज्यादा लिप्त हैं | बात ज्ञान कि नहीं, ज्ञान को व्यवहार में उतारने की है |

 

सत्य और विवेक ही कलियुग से बचने का एकमात्र सहारा है | सत्य हमें गलत मार्ग पर जाने नहीं देता और विवेक का इस्तेमाल कर हम सही और ग़लत के बीच पहचान करते हैं और समभाव में रहते हैं | शुद्ध ज्ञानयोग का रास्ता ध्यान का रास्ता है जो चिंतन (contemplation) के माध्यम से किया जाता है | तो व्यवहार में शुद्धता लाएं, जितना हो सके सत्य के मार्ग पर चलें और विवेक का इस्तेमाल करते हुए जीवन में आगे बढ़ जाएं |

 

Power of Absolute Truth | अध्यात्म में सत्य का महत्व | Vijay Kumar Atma Jnani

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