कुंडलिनी शक्ति जागरण के बाद हमेशा जागृत रहती है या खत्म हो जाती है ?


कुण्डलिनी शक्ति एक पुष्प की भांति काम करती है | जब एक कली एक बार पुष्प बन गई उसे दोबारा कली नहीं बनाया जा सकता | यह काम ब्रह्म भी नहीं कर सकते ? क्यों ? Evolution process एक तरफा रास्ता है जो एक बार हो गया सो हो गया, लौटने के सभी रास्ते बंद | इसी लिए कहा गया है अध्यात्म के रास्ते पर एक बार निकल पड़े फिर वापस मुड़ नहीं सकते | अध्यात्म में सोचसमझ कर कदम रखना चाहिए |

 

एक बार कुण्डलिनी शक्ति पूरी activate हो गई, तुरंत सहस्त्रार खुल जाएगा और ब्रह्म का साक्षात्कार हो जाएगा | यह ऐसा क्रम है जिसे कोई भी रोक नहीं सकता | जिसकी कुण्डलिनी पूर्ण जागृत हो गई वह जन्म और मृत्यु के चक्र से हमेशा के लिए मुक्त |

 

अब इस मुक्त हुई शुद्ध आत्मा को नया शरीर धारण करने की कोई आवश्यकता नहीं रह गई, क्योंकि कर्मों की संपूर्ण निर्जरा हो चुकी है | यह शुद्ध आत्मा अब free हो गई पूरे ब्रह्माण्ड में विचरण करने के लिए |

 

How does it feel when kundalini awakens? कुंडलिनी जागृत होने पर क्या होता है? Vijay Kumar Atma Jnani

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