जैसे जैसे कुण्डलिनी जागृत होती है उसी अनुपात में हमारा बंद पड़ा मस्तिष्क खुलने लगता है | suppose इस जन्म के समय हमारा मस्तिष्क 2% activated था | अध्यात्म में उतरने के कारण मृत्यु के समय हमारा मस्तिष्क 9% एक्टिव हो गया | अब आत्मा जो भी अगला मनुष्य शरीर धारण करेगी उसका मस्तिष्क जन्म से 9% activated होगा |
जब भी वह इंसान अगले जन्म में अध्यात्म में उतरेगा वह 9% से शुरुआत करेगा | इसका मतलब क्या हुआ – जितनी कुण्डलिनी पिछले जन्म में एक्टिवेट हो चुकी थी वह बरकरार थी – कुछ भी छुटा नहीं था | अध्यात्म की बस यही खूबी है – सारी आध्यात्मिक progress जुड़ती जाती है – भौतिक जगत की तरह हर बार nursery से शुरुआत नहीं करनी पड़ती |
How does it feel when kundalini awakens? कुंडलिनी जागृत होने पर क्या होता है? Vijay Kumar Atma Jnani