असली आध्यात्मिक गुरु की क्या पहचान है ?


अध्यात्म के क्षेत्र में वही गुरु कुछ दे सकता है जिसने ब्रह्म का साक्षात्कार किया हो – जो आध्यात्मिक सफर के आखिरी छोर पर पहुंच गया हो | अधपके ज्ञान को लेकर आप क्या करेंगे | अगर आपने कोई प्रश्न पूछा – और उस so-called गुरु ने किताबी ज्ञान दे भी दिया तो क्या फायदा होगा ? फिर आध्यात्मिक प्रगति तो कर्मों की निर्जरा से होगी जो आपने खुद चिंतन में उतरकर करनी है |

 

अपने अंदर निहित (इकठ्ठा होते) प्रश्नों को जड़ से खत्म करना ही आत्मचिंतन है – अगर कोई गुरु इसमें सहायक है तो ठीक है | मेरी अनुभूति अनुसार पूरी धरती पर आखिरी दिव्य पुरुष तत्वज्ञानी महर्षि रमण थे जो 1950 में चले गए | उनसे किया गया वार्तालाप आपकी हर शंका को दूर कर सकता था | तत्वज्ञानी यानि सर्वज्ञाता – knower of all |

 

6 वर्ष की आयु में जब मैं गुरु की खोज में निकला – तो न तो श्रीकृष्ण कहीं मिले और महर्षि रमण तो शरीर त्याग चुके थे | काफी चिंतन के बाद मैं इस नतीजे पर पहुंचा – कि अगर महर्षि रमण होते भी तो मुझ अकेले को कितना समय दे पाते – मुझसे मिलते भी या नहीं शंका से भरा प्रश्न था | मैंने पढ़ा है महर्षि रमण से मिलने वाले लोगों की कतारें मीलों लंबी होती थी |

 

जैसे समय बीतता गया – हृदय से आवाज़ आई – शरीर ही तो चला गया – उसकी वाणी – उसके विचार तो विभिन्न पुस्तकों में मौजूद हैं | अब प्रश्न यह उठता है – लेखक जिसने पुस्तक लिखी – वह तो उतना intelligent नहीं हो सकता जितने महर्षि रमण – त्रुटियां बहुत होंगी | मुझे इस बात की चिंता कभी नहीं रही – सत्यमार्ग पर चलने के कारण मैं हंस ही भांति पुस्तकें खंगालता था | जो मर्म होता ग्रहण कर लेता – बाकी से मुझे क्या वास्ता !

 

यहां हर आध्यात्मिक साधक से मुझे यह कहना है –

 

अध्यात्म में कभी कोई गुरु न बनाए | पुस्तकों में लिखी वाणी पर चिंतन के माध्यम से मर्म तक पहुंचे | आपको कभी भी गुरु की कमी खलेगी नहीं | भगवद गीता और 11 principal उपनिषदों के ऊपर टीकाएं गीताप्रेस गोरखपुर से मिल जाएंगी, महर्षि रमण के ऊपर किताबें Bhartiya Vidya Bhawan से | रामकृष्ण परमहंस के ऊपर ज्यादा कुछ नहीं मिलेगा – फिर भी मैंने Daryaganj Delhi के हर publisher को A to Z खंगाला है और काफी पुस्तकें खरीदी |

 

हां, आदि शंकराचार्य की सभी टीकाएं गीताप्रेस के पास मौजूद हैं | इससे ज्यादा और किसी पुस्तक की जरूरत नहीं | फिर भी काफी चिंतन करने के बाद अगर अटक जाते हैं और समाधान नहीं मिल रहा तो मैं 24*7*365 available हूं | अपनी शंका email से भेजें | e-mail address मेरी website jnanidotin पर मिल जाएगा |

 

10 लाख से ज्यादा साधक मुझ से जुड़े हैं – कोशिश तो कर के देखें !

 

What spiritual books should i read | कौनसी आध्यात्मिक पुस्तकें पढ़े | Vijay Kumar Atma Jnani

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