आपके जीने का उद्देश्य क्या है ?


५ वर्ष की आयु में भगवान की खोज में निकल गया | ३१ वर्ष की तपस्या और ३ अगस्त १९९३ को ब्रह्म से २ १/२ घंटे का साक्षात्कार हुआ | ब्रह्म बोले मंत्र देता हूं ३ घंटे में शरीर त्याग कर हमेशा के लिए जन्म मृत्य के चक्र से मुक्त हो जाएगा | मैंने कहा नहीं, कोई और रास्ता नहीं है क्या, सोचकर बताता हूं |

 

अगले दिन बहुत सोचा तो महावीर और बुद्ध की तस्वीर सामने आ गई | काफी समय बाद समझ आया ब्रह्म क्या कहना चाहते हैं |

 

महावीर को केवल्यज्ञान ४२ में प्राप्त हुआ लेकिन उन्होंने शरीर नहीं त्यागा | ३० वर्षों तक देशना (discourses) दी और ७२ में शरीर त्याग चले गए | बुद्ध को ज्ञान ८१ वर्ष की अवस्था में प्राप्त हुआ और ८२ में शरीर जो जर्जर हो चुका था, त्याग दिया |

 

मेरे मुंह से निकला, भगवान – महावीर के रास्ते जाऊंगा | जो आपकी कृपा से प्राप्त किया है उसे वापस मानवता को देकर जाऊंगा | १९९७ में internet भारत में आया | अपनी websites बना साधकों की शंकाओं को दूर करने की चेष्टा कर रहा हूं | अब YouTube पर हिंदी में विडियोज बना अभूतपूर्व आध्यात्मिक ज्ञान सभी को बांट रहा हूं |

 

ब्रह्मचर्य के वीडियो में पूर्ण विधि और १०० करोड़ का मंत्र भी दिया है | ध्यान के वीडियो में पूर्ण विधि और ६०० करोड़ का मंत्र भी दिया है | आज के समय में ८०० करोड़ लोगों में किसी भी साधक को ध्यान की विधि नहीं मालूम | सही विधि आती हो तो swami vivekanand बनने में सिर्फ १२ साल लगेंगे और रामकृष्ण परमहंस १४ साल |

 

Dhyan kaise karein | ध्यान करने की सही विधि | Vijay Kumar Atma Jnani

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