जीवन


धरती पर इंसान के पास अपना क्या है ?

एक चीज जो इंसान की अपनी निजी है – जिसे कोई भी हमसे छीन नहीं सकता – चाहे वह अपने माता पिता भाई बहन ही क्यों न हों – वह है हमारी अपनी सोच | यह सोच ही है जो इंसान को JRD Tata (एक perfect कर्मयोगी) या राजा जनक (ब्रह्म साक्षात्कार किए केवल्यज्ञानी) के level तक भी ले जा […]


धरती पर जीने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी क्या है ?

सही जीवन जीने के लिए जीवन में सबसे जरूरी होता है संतुलन | संतुलन नहीं तो राजा भी परेशान और प्रजा को भी परेशान रखेगा |   1… जीवन संतुलित न हो तो छप्पन भोग खाकर भी आप बीमार पड़ सकते हैं | मैंने खुद आंखों से देखा है कि एक गाय जो कई दिन की भूखी थी – जब […]


मनुष्य जीवन का असली खजाना क्या है ?

मनुष्यों के जीवन का असली खज़ाना होता है हमारे अंदर व्याप्त विवेक की क्षमता | विवेक न हो तो इंसान और पशु में कोई फर्क नही | सिद्धार्थ गौतम बुद्ध बने सिर्फ और सिर्फ विवेक के कारण | यह विवेक ही तो है जो हम सच को झूठ से अलग कर पाते हैं | अध्यात्म में उतर महावीर या महर्षि […]


आज लोगों के घुटने कमजोर क्यों होते जा रहे हैं ?

आजकल लोगों के घुटने इसलिए कमजोर हो रहे है, हमारे खाने पीने का तरीका बदल गया है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है | फास्ट फूड खाने का सीधा असर पेट के अलावा घुटनों पर पड़ता है | सुबह का घूमना तो प्रायः बंद हो गया है |   अध्यात्म कहता है हमें जीने के लिए खाना चाहिए […]


जीवन के ऐसे कौनसे सच हैं जो सभी को पता होने चाहिए ?

क्या हमने कभी यह सोचने की कोशिश की है कि महाभारत ग्रंथ में चिन्हित अर्जुन हम खुद ही हैं ? महाभारत महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित एक महाकाव्य है जिसमें अर्जुन सिर्फ एक पात्र है | महाभारत ग्रंथ रचने का कारण क्या है ? कोई तो गहन वजह होगी | जब आम इंसान को वेदों का ज्ञान, सार समझ नहीं आया, […]


आप जिन्दगी के मज़े ले रहे हैं या जिन्दगी काट रहे हैं ?

जिस इंसान ने जीवन में एक लक्ष्य निर्धारित कर लिया और तन्मयता से उसके पीछे जाता है वह जीवन जीता है | जिसका जीवन में कोई goal ही नहीं, वह तो बस time pass कर रहा है | बहुत कम लोग हैं जो जीवन में लक्ष्य बनाते हैं (शायद ५% भी नहीं) | अगर हम जीवन में लक्ष्य नहीं बनाएंगे […]


जिंदगी को आसानी से कैसे जिएं ?

जब किसी ने एक पहाड़ों पर परेशानियों के मध्य रह रहे स्वामी जी से पूछा – आप इतना आनंदमय व प्रफुल्लित कैसे रहते हैं तो सीधा सा जवाब था – मेरी आवश्यकताएं लगभग नगण्य, zero हैं | मेरा किसी से competition नहीं, न्यूनतम requirements हैं | जीने के लिए खाता हूं, खाने के लिए नहीं जीता | इस कारण जिंदगी […]


सामाजिक रंजिश और खुन्नस कैसे दूर करें ?

द्वेष, मनमुटाव किसलिए ? अगर हमारा उद्देश्य इसी जीवन में भगवान को पाना है तो वक़्त कहां है ? जो चीज हमें ११ लाख योनियों के सफर में मिलनी है अगर हम उसे इसी जन्म में प्राप्त करना चाहते हैं तो मेहनत करनी होगी | रंजिश के पीछे दूसरे का वैरभाव भी हो सकता है और हमारी खुद की छोटी […]


क्या आप सहमत हैं कि दिखावा करने वाले वास्तव में सुखी नहीं हैं ?

कोई भी इंसान जो सही मायने में अंदर से सुखी है (आनंदित रहता है) वह कभी दिखावे में विश्वास नहीं करता | सो लोगों में यह मान्यता घर कर गई कि जो दिखावा कर रहा है, वास्तव में अंदर से दुखी होगा | यह बात सच भी है क्योंकि ऐसे इंसान के पास सभी भौतिक सुख तो होंगे लेकिन अंदर […]


बरसात की सबसे अच्छी व बुरी यादें क्या हैं – किन चुनौतियों का आपने सामना किया था ?

बरसात आते ही जैन धर्म की चौमासे की प्रथा याद आती है | कितनी रूढ़िवादिता है इस प्रथा में |   पुराने समय में जब सड़कें तो छोड़िए, पगडंडियां भी नहीं होती थी | बरसात के मौसम में जब खेतों व पगडंडियों पर ३ ~ ४ फुट पानी भरा होता था तो जैन मुनियों का चलना मुश्किल हो जाता था […]


एक मनुष्य की आयु कितनी होती है ?

मनु स्मृति के अनुसार शास्त्रों में मनुष्यों की आयु 100 वर्ष मानी गई है | 25 वर्ष ब्रह्मचर्य के, 25 गृहस्थ आश्रम, 25 वानप्रस्थ और 25 संन्यास | आध्यात्मिक पुरुष चाहे तो अपनी आयु ज्यादा से ज्यादा 225 तक ले जा सकता है | कैसे ? हमारा हृदय average एक मिनट में 72 बार धड़कता है |आध्यात्मिक प्रक्रियाओं से अगर […]


किस व्यक्ति की सलाह हमें जीवन में आगे बढ़ने में मदद करती है ?

जो व्यक्ति हर समय positivity (सकारात्मक सोच) में व्याप्त हो, जो हर समय सकारात्मक (पॉजिटिव) कार्यों में संलग्न रहता हो, ऐसे व्यक्ति का साथ और सलाह normally गलत नहीं होती | जीवन के किसी भी मोड़ पर देख लें, अच्छे लोगों की जीवनियां पढ़ कर देख लें कभी अफसोस नहीं होगा | मुझे ब्रह्मचर्य की सबसे बेहतर शिक्षा Napoleon Hill […]


क्या सीमित संसाधनों में व्यक्ति अपना जीवन शांतिपूर्ण जी सकता है ?

एक छोटी सी कुटिया में रह रहे साधु से जब किसी ने पूछा, इतनी छोटी कुटिया में आपको तकलीफ नहीं होती ? तो वह अत्यंत परिपक्व साधु बोला, सोच रहा हूं कुछ सामान काम कर दूं, जरूरत से ज्यादा प्रतीत हो रहा है | जितनी हमारी इच्छाएं उतनी बड़ी हमारी तकलीफें | अगर इच्छाएं ही नहीं होंगी तो कमी काहे […]


हिंदुस्तान का संपन्न हिंदू समाज गरीब लोगों की मदद क्यों नहीं करता ?

गरीब कौन ? अहंकार में डूबा वो इंसान जो खुद के अलावा किसी की नहीं सुनता | जिसे हम गरीब कह रहे हैं, जरा उससे free में काम करवा कर देखिए ? दुनियां भर की बातें सुनने को न मिल जाएं | 250 साल पहले के गरीब और आज के गरीब में फ़र्क है | अंग्रेजों की गुलामी ने इन […]


क्या आदर्शों के बिना जीवन संभव है ?

अगर हम जीवन में अपने आदर्श स्थापित नहीं करेंगे तो जीवन जिएंगे नहीं, सिर्फ और सिर्फ pass करेंगे, जैसे दुनिया के लगभग 95% लोग कर रहे हैं | जीवन में कोई लक्ष्य या आदर्श नहीं, जिंदगी बस गुजारे जा रहे हैं | कभी रुक कर नहीं सोचेंगे प्रभु ने यह मानव जीवन दिया क्यों ?   महर्षि रमण मूर्ख/अज्ञानी नहीं […]


लोग क्या कहेंगे – इसका कितना असर आप जीवन में लेकर चलते हैं ?

लोग क्या सोचेंगे/कहतें हैं इस बात कि फिक्र मैंने जिंदगी में 0% भी नहीं की | शुरू से स्वछंद जिंदगी जीया | 7 वर्ष की आयु में दादाजी से कुछ प्रश्न पूछे, सही उत्तर न मिलने पर, और दादाजी के स्वयं कहने पर, पप्पू – तेरे प्रश्नों का मेरे पास जवाब नहीं, मैं अपने रास्ते हो लिया | अध्यात्म में […]


जज – आखिरी बार किससे मिलना चाहता है ?

अगर यह प्रश्न जज, अपराध में गलत ढंग से फंसाए गए आध्यात्मिक साधक से पूछेगा तो जानते हो वह क्या कहेगा – मुझे खुद के स्वयं (मैं – आत्मा) से मिलवा दो – सिर्फ एक बार | क्या जज में है सामर्थ ऐसा करने की ?   What is the real meaning of spirituality? अध्यात्म का वास्तविक अर्थ क्या है […]


रोज उठना तैयार होना कमाने जाना खाना और सो जाना | क्या यही असली जिंदगी है ?

जब मैं 5 वर्ष का था और भगवान ने मेरी जिंदगी बख्श दी तो मेरे अंदर ये प्रश्न उठा कि यह जीना मरना क्या होता है | लगभग 6 वर्ष की उम्र में बेहद जिज्ञासा उत्पन्न हो गई भगवान को जानने की – सोचा उन्हीं से पूछ लूंगा | अब न जाने भगवान कब मिलेंगे तो घर के सभी बुजुर्गो […]