मनुष्यों के जीवन का असली खज़ाना होता है हमारे अंदर व्याप्त विवेक की क्षमता | विवेक न हो तो इंसान और पशु में कोई फर्क नही | सिद्धार्थ गौतम बुद्ध बने सिर्फ और सिर्फ विवेक के कारण | यह विवेक ही तो है जो हम सच को झूठ से अलग कर पाते हैं | अध्यात्म में उतर महावीर या महर्षि रमण बनने के लिए विवेक की ही तो जरूरत पड़ती है जो हमें सत्य के मार्ग पर चलने के लिए उत्साहित और प्रेरित करता है | विवेक है तभी तो हम अपनी free will का इस्तेमाल कर पाते हैं |
जीवन में मनुष्य किसी भी पड़ाव पर हो – student या गृहस्थ, अध्यात्म में believe करता हो या धार्मिक कर्मकांडो में, बिना विवेक कुछ भी हासिल नहीं होगा | जीवन में कामयाब होने के लिए हर कदम पर विवेक की आवश्यकता होती है | आज के समय में जो लोग सफल न होने का रोना रोते हैं – आप पाएंगे कि वे विवेकहीन हैं | मेनका के दर्शन होते ही ऋषि विश्वामित्र ने विवेक ही तो खोया था जिस कारण उनका 11 वर्ष का ब्रह्मचर्य व्रत टूट गया था |
विवेक शून्यता इंसान को रंक बनाती है और विवेक राजा | अगर हम इस जीवन क्रम से मुक्त हो महर्षि रमण के level तक पहुंचना चाहते हैं तो विवेक का इस्तेमाल कर हम अध्यात्म के छिपे रहस्यों को जान तत्वज्ञानी बन सकते हैं | विवेक के कारण ही हंस मोती चुग लेगा और बाकी सब छोड़ देगा | हर आध्यात्मिक पुरुष हर क्षण विवेक का इस्तेमाल करता है – तभी उसे मंजिल मिलती है | आज के समय की सबसे बड़ी विपदा ही विवेक शून्यता है जिस कारण मनुष्य हर समय परेशान रहता है |
विवेक से ओतप्रोत इंसान आनंद का सही मतलब समझ हमेशा आनंदित रहने की कोशिश करता है | चाहे JRD Tata के व्यक्तित्व को देख लें या राजा जनक के – दोनों 24 घंटे विवेक का इस्तेमाल कर हमेशा आनंदित रहते थे | JRD Tata एक उच्च कोटि के कर्मयोगी और राजा जनक केवल्यज्ञानी बन लोगों के कल्याण में लगे रहते थे | अगर मनुष्य जीवन में विवेक का इस्तेमाल कर आगे बढ़ता है तो भगवान कृपा ही समझिए |
How do you express Gratitude in words to God? भगवान की कृपा के प्रति कृतज्ञता | Vijay Kumar