जब हम महावीर, बुद्ध, आदि शंकराचार्य, रामकृष्ण परमहंस या महर्षि रमण बनने के नजदीक होंगे तो स्वामी विवेकानंद का लेवल तो पार करेंगे ही | क्या तब भी हमें या तमाम दुनिया को यह ज्ञात नहीं होगा कि आपका आध्यात्मिक लेवल क्या है ?
अन्तिम जन्म यानी 84 लाखवी योनि, या कहें तत्वज्ञानी बनने ही वाले हैं | अन्तिम जन्म का मतलब हुआ 800 करोड़ लोगों में सिर्फ आप ब्रह्म के पास पहुंचने वाले हैं | क्या आप जानते हैं 800 करोड़ लोगों में 100~150 सालों में सिर्फ एक या दो साधकों को अन्तिम चरण तक पहुंचने का मौका मिलता है ?
जीवन में कुछ भी आध्यात्मिक नहीं किया – अभी 11 लाख योनियों के भ्रमजाल से गुजरना है और हम जानना चाहते हैं ब्रह्म से कितना दूर हैं ? आंखें खोलो, चिंतन के माध्यम से अध्यात्म में उतरो – खुद ही सब समझ आयेगा | जिस दिन धार्मिक प्रपंचों से दूर आध्यात्मिक शास्त्रों में डूब जाओगे – उस दिन के बाद बल्ले ही बल्ले | सच – आध्यात्मिक सफर बेहद आनंदमय होता है – डूब कर तो देखो |
1.1 million manifestations in Human form? मनुष्य रूप में ११ लाख योनियों का सफर | Vijay Kumar