शूद्रों को ब्राह्मण समाज ने कभी ढंग से जीने नहीं दिया – इस कुएं से पानी नहीं भर सकते, न पी सकते और कुएं से 100 फीट के नजदीक नहीं आ सकते ? ऐसी बातें आज से 100 साल पहले खूब प्रचलन में थीं | अगर शूद्र वर्ण में पैदा हुए तो कोई गुनाह नहीं किया ? ब्रह्म की दृष्टि में सभी वर्ण बराबरी का स्थान रखते हैं |
इन्हीं सब बातों के मद्देनजर शूद्र समाज और वर्णों से कटता/ दूर होता गया | फायदा उठाया ईसाई मिशनरीज ने | मदर टेरेसा की आड़ में खूब शूद्रों को ईसाई धर्म में धर्मांतरण कराया गया और यह भी सीखाया गया कि हिन्दुओं की, उनके धर्म की बुराई करो | inसब का mastermind था US/ CIA |
राजा अशोक के समय बौद्ध धर्म भारत में अप्रत्याशित तौर पर पूरे भारतवर्ष में फ़ैल गया | चारों ओर बलि प्रथा का बोलबाला | बौद्ध वैदिक अनुष्ठानों के विपरीत जाने लगे | आदि शंकराचार्य ने पूरा जोर लगाकर सिर्फ बलि प्रथा को ही बंद नहीं किया अपितु बौद्ध धर्म को भारत से बाहर भी खदेड़ दिया | बस तभी से बौद्ध भी हिन्दू धर्म के खिलाफ बोलने लगे |
आखिर हिन्दू धर्म सर्वोपरि है – उसकी कौन बराबरी करेगा | भारतीय दर्शन गाली देने वालों पर ध्यान नहीं देता | नतीजा – आज भी शूद्र छोटी छोटी बातों में अटके हैं – reservation के पीछे भागते रहते हैं | कुछ समय की बात है – 2032 तक कल्कि अवतार के आने के बाद भारत विश्व गुरु बन कर उभरेगा और सतयुग की स्थापना होगी | हिन्दुओं – और क्या चाहिए ?
2024 से 2032 तक का समय आध्यात्मिक दृष्टिकोण से | Vijay Kumar Atma Jnani