अध्यात्म में किसी भी देवी देवता के लिए कोई स्थान नहीं | देवी देवताओं का साम्राज्य उनके लिए है जो धार्मिक हैं | अध्यात्म कहता है अगर हम पूर्णतया सत्यवादी हो जाएं तो हृदय से आती कृष्ण (सारथी) की आवाज़ बिल्कुल साफ सुन सकेंगे और पूरे ब्रह्मांड में निहित ज्ञान हमारे क़दमों में होगा |
भगवद गीता में कृष्ण कहते भी हैं, तुम जो पूजा अर्चना देवी देवताओं को करते हो, वह कर्मफल अंततः मुझ तक ही पहुंचता है | इसीलिए सारा कर्म मुझे ध्यान में रखकर करो, कर्मफल direct मुझे आएगा |
5 वर्ष की आयु से मैं ब्रह्म की खोज में निकल लिया | झूठ बोल नहीं सकता था न किसी से ग्रहण करता था | 37 वर्ष की आयु में ब्रह्म का 2 1/2 घंटे साक्षात्कार बिना सरस्वती देवी की मदद के |
पूरे ब्रह्मांड में कृष्ण के आगे कोई नहीं | अगर आप सच में शास्त्रों का ज्ञान ग्रहण करना चाहते हैं तो सत्य की राह पर चलकर हृदय से आती कृष्ण की आवाज़ सुनें, बिना पढ़े 700 श्लोकों का ज्ञान स्वतः अंदर उतार जाएगा |
Listen to Inner Voice coming from within our Heart | हृदय से आती आवाज को सुनना सीखें | Vijay Kumar