इस जन्म के कर्म तय करेंगे कि आत्मा अगला शरीर कहां लेगी, कैसा लेगी ? हम तो बस एक जन्म के लिए हैं | मृत्यु को प्राप्त होते ही खेल खत्म | अगर हमारी आत्मा अगला शरीर यूरोप के किसी Christian परिवार में लेती है तो हमें क्या ? जानकर हमें क्या मिलेगा ?
इस जन्म में जो हमें करना चाहिए उधर ध्यान नहीं, हमारा अगला जन्म है नहीं – नया शरीर तो आत्मा लेगी – तो जीवन व्यर्थ चला जायेगा | मनुष्य रूप में 11 लाख योनियों में से हम एक हैं – जो करना है इसी जीवन में करना है – शुरुआत तो करें |
इस जीवन में कितने ही लोग मिले – जब पूछा अध्यात्म में कब उतरेंगे तो अभी कुछ समय बाद ! अंततः कहने लगे अगले जन्म में | इस जन्म में चलने की हैसियत नहीं – अगला जन्म आपका नहीं – फिर भी सब कुछ अगले जन्म पर छोड़ दिया ?
यही कारण है पूरी दुनिया में 5 लोग नहीं मिलेंगे जो सच्चे साधक बन ध्यान और ब्रह्मचर्य की साधना में व्यस्त हों |
1.1 million manifestations in Human form? मनुष्य रूप में ११ लाख योनियों का सफर | Vijay Kumar