पुनर्जन्म, स्वर्ग और नरक आध्यात्मिक जीवन के विभिन्न पहलू हैं | अध्यात्म का मूल है कि आत्मा बार बार कर्मों की निर्जरा के लिए मानव शरीर धारण करती है – इसी को हम पुनर्जन्म कहते हैं जबकि पुनर्जन्म किसी का भी नहीं होता |
इंसान की मृत्यु के बाद आत्मा तुरंत नया शरीर धारण करती है | अगर पूरे विश्व में matching parents उपलब्ध नहीं हों तो आत्मा क्या करे ? तो आत्मा उस समय के लिए जब तक matching parents available न हो जाएं – स्वर्ग या नरक में वास करती है | स्वर्ग में अगर मृत्यु के समय कार्मिक balance (+) है और नरक में अगर (-) |
अध्यात्म में मानने या न मानने वाली स्थिति कभी नहीं होती | सब कुछ तथ्य और सत्य पर आधारित है | हमें तो ज्ञान का सहारा लेकर सिर्फ सत्य तक पहुंचना होता है | और सत्य हमेशा एक होगा – अध्यात्म में द्वैत की कोई जगह नहीं |
What is Swarg Narak | स्वर्ग नरक कहां हैं | Vijay Kumar Atma Jnani