जब मृत्यु होती है तो आत्मा शरीर त्याग दूसरा जन्म लेती है तो ये भूत प्रेत कहाँ से आ गए ?


जब जीव की मृत्यु होती है तो आत्मा तुरंत मैचिंग माता पिता ढूंढ नया शरीर धारण कर लेती है | अगर मैचिंग माता पिता धरती पर उपलब्ध नहीं तो आत्मा उस समय तक जब तक मैचिंग parents उबलव्ध हों, स्वर्ग या नर्क में hibernation (शीतनिद्रा) की स्थिति में समय व्यतीत करती है |

 

भूत और प्रेत पूरी दुनिया में नहीं होते हैं | यह सब उन तांत्रिकों का कार्य है जो रोटी रोज़ी की खातिर कुछ भी करेंगे | अध्यात्म में भूत प्रेतों की कोई जगह नहीं | सिर्फ धार्मिक (religious) लोग भूत प्रेतों में विश्वास करते हैं, आध्यात्मिक नहीं | सोचने वाली बात है जिस आत्मा के अंदर करोड़ degrees centigrade से ज्यादा का ताप है वह धरती पर भूत प्रेत बन कैसे घूम सकती है ?

 

शुद्ध अध्यात्म तत्त्वज्ञान पर आधारित है जहां किसी तरह के जादू टोने, झाड़ फूंक के लिए कोई जगह नहीं | अगर हमारा जीवन का लक्ष्य आध्यात्मिक है तो जीवन भर हमें ऐसी क्रियाओं पर ध्यान नहीं देना चाहिए |

 

What is the real meaning of spirituality? अध्यात्म का वास्तविक अर्थ क्या है ? Vijay Kumar Atma Jnani

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