शरीर छुट जाने के बाद अगर आत्मा को धरती पर मैचिंग parents नहीं मिलते, तो नए parents के available होने तक आत्मा स्वर्ग या नरक में वास करती है hibernation (सीतनिद्रा, शीतनिष्क्रियता) की स्थिति में |
आत्मा स्वर्ग में वास करती है अगर मृत्यु के समय karmic balance positive (पुण्य) है और नरक में अगर karmic balance negative (पाप) है | इसी कारण भगवद गीता में कृष्ण हर समय पुण्य कर्म करने पर जोर देते हैं जिससे आने वाला समय अच्छा आए |
दोनों स्वर्ग और नरक सूर्य में स्थित हैं, स्वर्ग सूर्य के गर्भ में, जहां तापमान कई करोड़ों degrees centigrade रहता है | और नरक सूर्य की सतह पर जहां तापमान बेहद कम है लगभग 5600 degrees centigrade |
आत्मा का खुद का temperature 1 करोड़ degrees centigrade से ज्यादा होता है | सोचिए अगर उसे 5600 degrees centigrade में रहना पड़े, तो बेहद ठंडा महसूस होगा, तड़फन होगी | इसलिए शास्त्रों में कथन है कि नरक में यातनाएं, दुख ही दुख है |
What is Swarg Narak | स्वर्ग नरक कहां हैं | Vijay Kumar Atma Jnani