ब्रह्माण्ड प्रसारित हो रहा है – इसका कोई अंत नहीं है क्या ?


वर्तमान ब्रह्माण्ड तब तक प्रसारित होता रहेगा जब तक इसका अंत समय यानि प्रलय न आ जाए | ब्रह्माण्ड का फैलाव एक खगोलीय घटना है – यह होती है और अनंत काल तक होती रहेगी | जब तक ब्रह्माण्ड का विस्तार होता रहेगा यह अस्तित्व में रहेगा अन्यथा प्रलय के समय सिमट कर आधे अंगूठे (अस्थ अंगुष्ठ) के आकार में आ जाएगा |

 

ब्रह्माण्ड का फैलाव एक ऐसी घटना है जिसका control किसी के हाथ में नहीं | ब्रह्माण्ड फैल रहा है तो हम हैं अन्यथा कुछ भी नहीं | प्रलय उस दिन आती है जब ब्रह्माण्ड के फैलावट की गति गुरुत्वाकर्षण गति से कम हो जाती है – तब ब्रह्माण्ड सिकुड़ना शुरू हो जाता है | यह सिकुड़ना एक बार शुरू हो गया तो अचल है, इसे वापस नहीं मोड़ा जा सकता |

 

अभी प्रलय करोड़ों नहीं 500 करोड़ वर्षों से ज्यादा दूर है | चिंता काहे की ? आज के समय धरती पर जितनी भी आत्माएं हैं वे 1 करोड़ वर्ष के अंदर मोक्ष की स्थिति में आ जाएंगी | फिर करने को बचेगा ही क्या ? वर्तमान में इंसान को सिर्फ 70~80 वर्ष की जिंदगी की चिंता करनी चाहिए – हमारे पास सिर्फ और सिर्फ एक जीवन का समय है | लेकिन कोई सुने तो सही ?

 

What is a Pralaya in Hinduism? हिन्दू धर्म में प्रलय क्या होती है | Vijay Kumar Atma Jnani

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