जो भगवान को पाना चाहते हैं – उन लोगों से अगर यह पूछा जाए किसे पाना चाहते हो, भगवान कौन होते हैं तो मेरा विश्वास ही नहीं 200% मत है पूरी धरती पर एक इंसान नहीं मिलेगा जो इन प्रश्नों का उत्तर दे सके ? पाना सब चाहते हैं लेकिन क्या – नहीं मालूम |
मैं जब 5 वर्ष का था तो भगवान से मिलने की बहुत इच्छा थी – जान जो बख्श दी थी उसने | मिलकर शुक्रिया अदा करना चाहता था और मां के लिए लंबी उम्र की request भी करनी थी – आखिर इन्हीं दोनों के कारण जान बची थी |
भगवान को पाने की मेरे मन में 63 वर्ष के आध्यात्मिक जीवन में एक बार भी कामना नहीं हुईं | आखिर कोई तो शक्ति है जिसने ब्रह्माण्ड बनाया – और जब 5 वर्ष की उम्र में उससे बात हुई तो ऐसा लगा कि जब बात हो सकती है तो मुलाक़ात क्यों नहीं ?
भगवान पाने की वस्तु नहीं हैं ? भगवान तक तो सिर्फ पहुंचा जा सकता है अध्यात्म के सहारे | और इसी अध्यात्म का सहारा लेकर मैं अंदरूनी सफर में 8 1/2 वर्ष की आयु में कूद गया | 28 साल की लंबी journey और अंततः 37 की आयु में ब्रह्म से साक्षात्कार हो ही गया |
आज के समय में एक बात ध्यान रखें – भगवान बाहर नहीं मिलेंगे – मिलेंगे तो अन्दर ही | अगर भगवान तक पहुंचने के इच्छुक हैं तो मेरे 2 विडियोज देख लें – 12 साल के ध्यान और अखंड ब्रह्मचर्य पालन पर | कोशिश करेंगे तो सब कुछ संभव है |
महर्षि रमण के बाद अगले तत्वज्ञानी आप ही होंगे | और गार्गी के बाद भगवान तक पहुंचने वाली तीसरी महिला आप |
What was the role of Arjuna in Mahabharata? आज का अर्जुन कौन आध्यात्मिक परिवेश में | Vijay Kumar