भक्ति


क्या निर्गुण ईश्वर भक्ति से ही मुक्ति सम्भव है – सगुण से क्यों नहीं ?

आज के कलियुग में भक्ति मार्ग के द्वारा (निर्गुण या सगुण) मुक्ति के द्वार तक पहुंचना संभव नहीं | इसी कारण काली के उपासक रामकृष्ण परमहंस ने अंत समय में ज्ञानयोग का रास्ता अपनाया | वह समझ चुके थे कि कर्मों की पूर्ण निर्जरा करने के लिए (कर्मों को जड़ से भस्म करने के लिए) ज्ञान के प्रकाश का सहारा […]


इतनी भक्ति करने के बाद भी हम दुखी क्यों हैं ?

भक्ति में लीन हर व्यक्ति फल की इच्छा करता/ रखता है | भगवद गीता में कृष्ण कहते हैं कर्म करता जा, फल की इच्छा मत कर | जब इच्छा करोगे और वांछित फल नहीं मिलेगा तो दुख होता है | क्यों ? कृष्ण की बात सुननी नहीं और निष्काम कर्मयोग में उतरना नहीं – तो खुश कैसे रहोगे | फल […]


लोग भगवान की इतनी भक्ति करते हुए भी दुखी क्यों है ?

भगवान की भक्ति करते हो तो क्या भगवान को रिश्वत दे दी कि वो मदद करे ? भक्ति खुद की खातिर करते हो, खुद के उद्धार के लिए न कि भगवान के लिए ? क्या इतनी छोटी बात समझ नहीं आती – भक्ति मार्ग पर चलकर भगवान नहीं मिलते ? तो भक्ति क्यों ?   भगवान को पाना चाहते हो, […]


क्या संभव है आप भगवान को अपने पीछे दौड़ा सकें ?

जब से हम पैदा होते हैं, ब्रह्म हमारे पीछे पड़े रहते हैं – चिल्ला चिल्ला कर कहते रहते हैं लेकिन सुने कौन ? ब्रह्म directly तो contact नहीं करते, हृदय में स्थित आत्मा के द्वारा हमें message देते रहते हैं कि हम अध्यात्म की राह पकड़ जल्दी से जल्दी जन्म मृत्यु के चक्रव्यूह से free हो जाएं |   लेकिन […]