भक्ति में लीन हर व्यक्ति फल की इच्छा करता/ रखता है | भगवद गीता में कृष्ण कहते हैं कर्म करता जा, फल की इच्छा मत कर | जब इच्छा करोगे और वांछित फल नहीं मिलेगा तो दुख होता है | क्यों ? कृष्ण की बात सुननी नहीं और निष्काम कर्मयोग में उतरना नहीं – तो खुश कैसे रहोगे | फल हमारा है भी नहीं, वह तो आत्मा का है | फिर कर्मफल की इच्छा कैसी ?
Nishkama Karma Yoga | निष्काम कर्म योग का महत्व | Vijay Kumar Atma Jnani