भगवान शिव


भगवान शिव को नील कंठ क्यों कहते है ?

रामकृष्ण परमहंस की मृत्यु का कारण था अपने कंठ में रोके हुए विष को गले में खुला छोड़ देना, नतीजा – विष के शरीर में फैल जाने के कारण अकाल मृत्यु | रामकृष्ण परमहंस चाहते तो और समय के लिए नीलकंठी बने रह सकते थे लेकिन कोई भी तत्वज्ञानी ऐसा क्यों करेगा, वह तो जल्द से जल्द ब्रह्म से मिलना […]


भगवान् शिव को भोलेनाथ क्यों कहा जाता है ?

भोलापन क्या जाहिर करता है कि उस इंसान के अंदर छल कपट नदारद है, वह धोखा देने की नीयत नहीं रखता | अगर हम समुद्र मंथन की गाथा का सार देखेंगे तो समझ आयेगा कि तत्वज्ञानी और अंततः शिव वही साधक बनता है जो भोला है, मानव कल्याण में लगा है, छल कपट से दूर है | जो साधक दूसरों […]


क्या सच में भगवान शिव भांग पीते हैं – कोई प्रमाण है ?

भारतीय दर्शन में शिव किसे represent करते हैं | शिव यानि एक तत्वज्ञानी, एक साधक जो अध्यात्म में ध्यान के रास्ते उतर आखिरकार ८४ लाखवी योनि में पहुंचने में सफल हो गया | शिव यानि जन्म मृत्यु के चक्रव्यूह से हमेशा के लिए छुटकारा | पुराणों में वर्णित कोई भी कहानी या पात्र क्या सच है ? नहीं | वह […]


भगवान शिव के अनजाने रहस्य क्या हैं ?

शिव का यथार्थ क्या है और दुनिया उन्हें किस दृष्टि से देखती है | अध्यात्म की दृष्टि में तीनों ब्रह्मा, विष्णु और शिव केवल विभूतियां है | वैदिक काल में जब ब्रह्म के विराट स्वरूप को समझ पाना मुश्किल था, तो तीन धार्मिक विभूतियों को create किया गया | जो ब्रह्म का creative स्वरूप है उसे ब्रह्मा कहेंगे | जो […]


महादेव की तीसरी आंख कब खुलती है ?

अगर हम आध्यात्मिक दृष्टि से देखें – महादेव, शिव की उपाधि उस तत्वज्ञानी को दी जाती है जब वह पूर्ण कुण्डलिनी जागरण के बाद तीसरा नेत्र खोलने में कामयाब हो जाता है | तीसरा नेत्र यानि ज्ञान चक्षु – जब हम कर्मों की पूर्ण निर्जरा कर अपने मस्तिष्क को 100% एक्टिवेट कर लेते हैं तो हम reservoir of mind plus […]


भगवान शिव को भोले क्यों कहते है ?

रामकृष्ण परमहंस जब तत्वज्ञानी होने की कगार पर थे तो कुत्ता जो रोटी छीन कर भाग रहा था, उसके पीछे घी का कड़छा लेकर भागते थे, यह चिल्लाते हुए कि रोटी तो चिपड़ दूं, सूखी हैं गला कट जायेगा | उन्हें कुत्ते में भी भगवान नजर आते थे | और कुत्ता यह सोचकर कि चोरी पकड़ी गई, कड़छे से मार […]


शिव जी को त्रिलोकी क्यों कहा जाता है ?

शिव कौन हुए – वह साधक जो 12 वर्ष की ध्यान और ब्रह्मचर्य की अखंड तपस्या पूरी कर तत्वज्ञानी हो गया जैसे रामकृष्ण परमहंस और महर्षि रमण इत्यादि | तत्वज्ञानी कौन – जिसे तीनों लोकों का ज्ञान हो गया हो – त्रिलोकी |   स्वर्ग क्या है, नर्क क्या है, हम धरती पर क्यों आते हैं, इन तीनों लोकों का […]