क्या कर्म के द्वारा भाग्य को बदला जा सकता है ?


अगर मेरे भाग्य में रुपए 1 करोड़ मिलना लिखा है तो भी क्या मैं भाग्य को बदलना चाहूंगा ? शायद नहीं ! कर्म और भाग्य कैसे काम करते हैं हमें अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए – जीवन पर्यन्त बड़े काम आयेंगे |

 

मान ले हमारी एक दुकान है जिससे हमारा घर चलता है | अगर दुकान से profit नहीं आए तो घर खर्च में दिक्कत आ सकती है | मान लें आज का दुकान का closing balance Rs. 11000/= है | अगले दिन दुकान का ओपनिंग balance भी 11000/= ही होगा |

 

अब दुकान पर पिताजी का बहुत ही अच्छा मित्र मिलने आता है | उसकी दुखभरी दास्तान सुनने के बाद पिताजी तिजोरी से Rs. 5000/= अपने उस मित्र को दे देते हैं इस उम्मीद पर कि महीने भर बाद पैसा वापस आ जाएगा | महीना गुजर गया पर न मित्र आया ना पैसा |

 

घर खर्च के लिए दुकान से पैसे उठाएं तो दुकान चलेगी कैसे ! पिताजी मन मार कर तसल्ली कर लेते हैं | समय गुजरता गया और पैसा नहीं आया | घर तो चलाना ही था सो पिताजी ने ज्यादा मेहनत करनी शुरू की कि नुकसान की भरपाई हो सके | लेकिन ऐसा हो न सका और पिताजी चल बसे – उम्र का तकाजा भी था | बात आई गई हो गई |

 

बेटा अब जिसने दुकान संभाली असमंजस में था | 5000/= का घाटा कैसे पूरा हो | एक बुजुर्ग ने समझाया तो पुरानी यादें पीछे छोड़ वह बेटा कमर कस के बिजनेस में लग गया और सब पहले जैसा हो गया | यानि बेटे ने कर्मों के द्वारा भाग्य पलट लिया | भाग्य अनुसार 5000/= आने थे लेकिन आ नहीं रहे थे सो अच्छे कर्मों से 5000/= एक्स्ट्रा कमाकर घाटा पूरा कर लिया |

 

भाग्य में जो लिखा है – नफा या नुकसान वो तो मिलकर रहेगा लेकिन भाग्य के ऊपर आश्रित न रहकर अगर हम अच्छे कर्मों में व्याप्त रहें, तो कोई वजह नहीं कि हम सुखी जीवन नहीं गुजार सकते | हमारे भाग्य में अगर दुखों का पहाड़ टूटना लिखा है – तो भी हम अच्छे कर्मों द्वारा उस आने वाले नुकसान को अच्छे कर्मों/प्रयासों से neutralize कर सकते हैं |

 

अगर हमारा आज का balance 300/= है और हमें भाग्य (-) 5000/= की चोट पहुंचाने वाला है तो हमें हिम्मत से कर्मों द्वारा मेहनत करके एक्स्ट्रा 4700/= कमाकर आने वाले बुरे समय को neutralize करना हैं | इसके अलावा और कोई चारा भी तो नहीं ! हाथ पर हाथ धर कर बैठने और किस्मत को कोसने से क्या होगा ?

 

2012 में अपने अमेरिका के प्रवास में मैंने एक दिन अख़बार में पढ़ा – एक धोबिन (washer woman) की लगभग 700/= करोड़ की लॉटरी लगी है | जो नारी किसी तरह से मेहनत कर घर खर्च चला रही थी – पिछले जन्मों का पुण्य आज एक साथ फलित हो गया और वह भी इतना ! भाग्य में अच्छा लिखा हो या बुरा – हमें तो बस वर्तमान में अच्छे कर्म करते जाना है |

 

आज पुण्य इकट्ठा कर लेंगे तो बुरे भाग्य का सामना भी कर पाएंगे | भाग्य तो एक accountant की balance sheet की तरह काम करता है | अगर भाग्य बुरा समय लेकर आता है – वह है भी तो हमारे पूर्व जन्मों में किए negative कर्मों का फल | भाग्य सिर्फ और सिर्फ पूर्व जन्मों में किए कर्मों का फल ही होता है – इसमें किसी गैर का दोष नहीं, भगवान का तो बिल्कुल भी नहीं (दुख में लोग अक्सर भगवान को कोसते हैं) |

 

ध्यान रहे – हर हालात में कर्म प्रधान है | अच्छे कर्म से हम बुरे भाग्य को भी netralize कर ज़िन्दगी की नई शुरुआत कर सकते हैं | कर्म theory pure mathematics है | जैसा करेंगे वैसा भरेंगे – अभी या कुछ समय बाद !

 

और हां ! कुछ समय बाद एक इंसान दुकान पर आया और पिछली रकम Rs. 5000/= ब्याज सहित दे गया | माफी मांग कर कह रहा था घर के हालात ज्यादा खराब थे, पिताजी तो अब नहीं रहे लेकिन उन्होंने यह आप तक पहुंचाने के लिए कहा था |

 

तो कर्म बड़ा या भाग्य ? दोनों की अपनी मान्यताएं हैं | बस अच्छे कर्म करते चलें – जीवन खुद ही संवर जाएगा |

 

ज्योतिष शास्त्र कर्म प्रधान है | कर्म बड़ा या भाग्य | Astrology and Karma theory | Vijay Kumar

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