महाभारत के युद्ध में श्री कृष्ण ने गीता उपदेश अर्जुन को कितने समय में दिया था ?


महाभारत महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित एक बहुमूल्य भारतीय ग्रंथ महाकाव्य है और कृष्ण इस महाकाव्य के एक पात्र | कृष्ण के द्वारा महर्षि वेदव्यास कहना चाहते हैं कि जब अपने ही अधर्म का साथ देने लगें, तो धर्मयुद्ध करना ही होगा | कलियुग में आप ब्राह्म शक्तियों से तो लड़ सकते हैं लेकिन तब क्या जब अपने ही वार करने पर उतारू हो जाएं |

 

ऐसे समय में भगवद गीता का ज्ञान ही एकमात्र आसरा बनता है अधर्मी अपनों को सबक सिखाने का | गीता उपदेश का एकमात्र कारण है, यह सीखाना अपनों से कैसे लड़ें | जिन्हें अपने हाथों से पालापोसा, जब वो दुश्मन बन जाएं तो क्या ? जब आप मोह काट देंगे हमेशा के लिए तो फिर मोक्ष का मार्ग भी प्रशस्त हो जाता है |

 

भगवद गीता का ज्ञान पहले मोह काटता है और फिर मोक्ष के मार्ग पर ढकेल देता है और साधक अंततः मुक्ति पा जाता है जन्म और मृत्यु के बंधन से |

 

महर्षि वेदव्यास और महाभारत महाकाव्य का आध्यात्मिक सच | Vijay Kumar Atma Jnani

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