माया


ईश्वर की दृष्टि से यह संसार कैसा दिखलायी पड़ेगा ?

ब्रह्म की दृष्टि में संपूर्ण जगत सिर्फ उनके सपनों में exist करता है ? अगर हकीकत में exist करता तो ब्रह्माण्ड की boundary भी होती तो उसके पीछे क्या ? अगर हम गहन चिंतन में उतरें तो पाएंगे पूरा संसार मायावी है – इसलिए आदि शंकराचार्य ने doctrine of Maya प्रतिपादित की |   Doctrine of Maya अनुसार सम्पूर्ण जगत […]


माया जाल से हम क्या समझते हैं ?

आदि शंकराचार्य की माया की doctrine क्या कहती है कि पूरा जगत माया है, actual में exist ही नहीं करता | अगर करता भी है तो ब्रह्म के विचारों में | जैसे हम सपना देखते हैं और जागते ही सब कुछ विलीन हो जाता है उसी प्रकार पूरा जगत मात्र ब्रह्म के सपनों में exist करता है अन्यथा नहीं | […]


अध्यात्म के अनुसार जीवन मोह माया के सिवाय कुछ भी नहीं – जैसे बड़ी हो रही हूँ रिश्तों में दिलचस्पी आने लगी है क्या यह सही है ?

जब से बच्चा होश संभालता है (लगभग 3 ~ 5 की उम्र) तो 2 बातें बच्चा observe करता है | एक माता पिता हैं जो काम करते हैं और सब ठीक ठाक चलता रहता है | कभी कभार मां मंदिर लेकर जाती है और कहती है भगवान को हाथ जोड़ो | बस यहीं से confusion शुरू होता है | ये […]


भगवान ने माया बनाई क्यों जब मनुष्य जन्म और मरण के फेरे में फंसा ही रहता है ?

शक्तिशाली तो मेरे बगल में बैठी अधनंगी फिल्मी हीरोइन भी है | उसके साथ तो मैं पब्लिक में अश्लील हरकत करने की सोच भी नहीं सकता | क्यों ? रुक क्यों गए ? उठो और छेड़खानी शुरू करो – अत्यधिक सुंदर जो है |   इसी तरह ब्रह्म की मायानगरी में एक से एक आकर्षक वस्तुएं मिलेंगी | ब्रह्म ने […]