मुक्ति


जिनकी जीवन के बीच सफर में मृत्यु हो जाती है उन्हें सिद्धार्थ गौतम और महावीर स्वामी की तरह मुक्त होने का अवसर ही नहीं मिला ?

महावीर की स्थिति तक पहुंचने के लिए ब्रह्म ने मनुष्य रूप में ११ लाख योनियां दी है | जल्दी क्या है |   Are there 8.4 million species on Earth? चौरासी लाख योनियों का सच | Vijay Kumar Atma Jnani


आत्मज्ञान जन्म और मृत्यु से मुक्ति है क्या ?

आत्मज्ञान अर्थात आपने खुद को जान लिया या कहें, कर्मों की पूर्ण निर्जरा कर आप अपने पुराने शाश्वत शुद्ध रूप में आ गए | बिना शुद्ध हुए आत्मज्ञान नहीं हो सकता | बिना कुण्डलिनी जागृत हुए, बिना सहस्त्रार खुले आपका brain 100% active हो ही नही सकता | जब आत्मा शुद्ध रूप में वापस आ गई तब उसे मनुष्य शरीर […]


यदि इंसान को जन्म मरण के चक्र से मुक्त होना है तो क्या करना होगा ?

पूरी धरती पर किसी भी इंसान को, चाहे वह किसी भी धर्म, मत या संप्रदाय का हो – जन्म और मृत्यु के चक्रव्यूह से छुटकारा पाने के लिए अध्यात्म के सफर पर जाना होगा और 12 वर्षों की ध्यान और ब्रह्मचर्य की तपस्या पूरी करनी होगी | तभी साधक की कुण्डलिनी पूर्ण जागृत होगी, सातों चक्र खुलेंगे, सहस्त्रार खुलेगा और […]


आत्मा को मुक्ति कैसे मिलती है ?

आत्मा अपने जीवन में ज्यादा से ज्यादा 84 लाख शरीर धारण करती है जिसमें 73 लाख योनियों का सफर निम्न कोटियों में गुजर जाता है – जैसे कीट पतंगों, पेड़ पौधों और पशु पक्षी | मनुष्य रूप में 11 लाख योनियों का सफर निमित्त है |   मनुष्य रूप में आने के बाद जब मनुष्य अध्यात्म/ ध्यान में उतर 84 […]


किसका जप करने से मानव जन्म के बंधन से मुक्त हो सकता है ?

किसी भी तरह का जप करने से भगवान के नजदीक नहीं पहुंचा जा सकता | जप की अध्यात्म में कोई जगह नहीं | माला जपने से क्या भगवान मिलेंगे या कर्मों की निर्जरा होगी – बिल्कुल नहीं | अक्सर देखने में आता है जो लोग घंटों मंदिरों में माला इत्यादि जपने में व्यस्त रहते हैं उनका अहंकार चरम पर होता […]


मौत के समय क्या बोलने से मनुष्य मुक्त हो जाता है ?

मौत के समय तो छोड़ो – पूरे जीवन मनुष्य कोई भी मंत्र जीवन के हर पल बोलता रहे तो भी कुछ प्राप्त नहीं होगा | ऐसा करने से कर्मों की निर्जरा तो हुई नहीं – तो मुक्ति का क्या मतलब ? भोग योनि में व्यस्त रहकर इंसान सब कुछ चाहता है बिना परिश्रम किए |   पूरा जीवन फालतू के […]