ज्यादातर इंसान मृत्यु के समय यह समझ जाते जीवन व्यर्थ जीया | अगले जीवन में ले जाने लायक कुछ भी नहीं | भौतिक उन्नति सब बेकार, वह तो साथ नहीं जा रही |
जो साथ जा सकता था वो किया नहीं | जो भी आध्यात्मिक उन्नति होती है वह ही साथ जाती है | इस जन्म में हम टीचर बन गए लेकिन अगले जन्म फिर नर्सरी से शुरू करेंगे |अध्यात्म की यह खास बात है जो भी प्रगति इस जन्म में हो गई हम अगले जन्म में उसी लेवल पर पैदा होंगें, शुरू करेंगे |
भौतिक सब कुछ बेकार गया, यहां तक परिवार जिसे अपना समझा था वो भी छूट गया | ऐसी स्थिति में इंसान परेशान नहीं होगा तो और क्या करेगा ? हर इंसान को जीवन में अध्यात्म में उलझना जरूर चाहिए |
What is the real meaning of spirituality? अध्यात्म का वास्तविक अर्थ क्या है ? Vijay Kumar Atma Jnani