क्या परमात्मा को पाना मोक्ष है ?


मोक्ष एक अवस्था को कहते हैं – मानव जीवन की वह स्टेज जब वह तत्वज्ञान प्राप्त कर शिव बन चुका है और जब यह शिव शरीर छोड़ेंगे (मृत्यु को प्राप्त होंगे ) तो विष्णु रूप धारण कर लेंगे | एक शुद्ध आत्मा बन क्षीरसागर में शेषनाग की शैय्या पर विराजमान |

 

महावीर, बुद्ध, आदि शंकराचार्य, रामकृष्ण परमहंस और महर्षि रमण ने पहले शिव रूप धारण किया और जब शरीर छोड़ा तो सभी को मोक्ष हो गया | मोक्ष प्राप्त होने का मतलब है ब्रह्मलीन हो जाना | शुद्ध आत्मा और कहां जाएगी ? जहां से चली थी वहीं वापस |

 

जीवन का लक्ष्य मोक्ष पाना नहीं, जीवन का लक्ष्य है जल्दी से जल्दी 84 लाख योनियों के चक्रव्यूह से मुक्ति प्राप्त कर एक शुद्ध आत्मा बन जाना | कितने लोग हैं धरती पर जो समुद्र मंथन की गाथा का मर्म समझ पाते हैं ?

 

Samudra Manthan ki gatha | समुद्र मंथन की गाथा | Vijay Kumar Atma Jnani

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.