क्या बोधगया में मोक्ष की प्राप्ति संभव है ?


बौद्ध धर्म में बुद्ध के बाद किसी को भी निर्वाण नहीं हुआ | 12 वर्ष की तपस्या के बाद बोधि वृक्ष के नीचे बुद्ध ने जन्म और मृत्यु के चक्रव्यूह से मुक्ति पाई | जब तक सम्पूर्ण कर्मों की निर्जरा नहीं होगी – निर्वाण हो ही नहीं सकता | मोक्ष पाने के लिए अध्यात्म के रास्ते पर चलकर 12 वर्ष की ध्यान और ब्रह्मचर्य की तपस्या में उतरना होगा |

 

अगर तीर्थस्थानों पर जाने से मोक्ष मिलता तो ब्रह्म मनुष्य रूप में 11 लाख योनियां नहीं बनाते ?

 

विश्वामित्र जैसे महर्षि 12 वर्ष के ब्रह्मचर्य पालन में फेल हो गए और उन्हें 11 वे साल में दोबारा 12 वर्ष की ब्रह्मचर्य की तपस्या में उतरना पड़ा | 12 साल में एक भी नेगेटिव विचार अंदर न आए – इसे कहते है मानसिक ब्रह्मचर्य | विश्वामित्र को गुस्सा आता था, ब्रह्मचर्य टूट गया |

 

12 years Tapasya | 12 साल की घोर तपस्या का सच | Vijay Kumar Atma Jnani

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