मोह


मोह माया किसे कहा है – माया का संसार कैसा है ?

मोह हम अपनो से करते हैं | अगर मोह नहीं होता तो मां बच्चा पैदा कर सड़क पर छोड़ देती | पिता घर के घरचों के लिए पैसों का इंतजाम क्यों करते | मोह अपनों को परिवार से जोड़ता है | यह मोह ही है कोई महिला सड़क के किनारे रोते हुए बच्चे को देख उसका कुशलक्षेम पूछने पहुंच जाती […]


हमलोग पूरी तरह निष्पक्ष क्यों नहीं हो सकते?

भीष्म पितामह जैसा कद्दावर ब्रह्मचारी, द्रोणाचार्य जैसा दिग्गज आचार्य अगर द्वापर युग में निष्पक्ष नहीं हो सके, तो आज के कलियुग में आम आदमी से कैसी अपेक्षा ? द्रौपदी का चीरहरण होता रहा और सभी बैठे देखते रहे, हमने तो दुर्योधन का नमक खाया है ?   निष्पक्ष होने के लिए सुभाष चन्द्र बोस जैसा सेनानी, सरदार पटेल जैसा लौहपुरूष […]


मोह का सही अर्थ क्या होता है – आध्यात्मिक दृष्टि से इसे गलत क्यों कहा जाता है ?

आध्यात्मिक सफर में जब हम अपनी मैं को खत्म करने की कोशिश करेंगे तो अपनों का मोह आड़े हाथों आएगा | करीब करीब सभी इन्द्रियों पर control स्थापित हो जाएगा लेकिन मोह का क्या ?   अपने बड़े होते बच्चों के लिए निर्मोही हो गए लेकिन पोते पोतियों, धेवते धेवतियों का क्या ? स्कूल से आते ही नाना, दादा कहकर […]


स्त्रियों में ऐसे कौन से स्वभाव हैं जो अध्यात्म में उच्च स्तर की तरफ जाने से रोकते हैं ?

अध्यात्म की राह पर नारियों के लिए सबसे बड़ा रोड़ा है मोह | कुछ भी कर लो मोह नहीं छूटेगा | भगवान ने नारियों में मोह इसलिए कूट कूट कर भरा है कि वे घरबार ठीक से संभाल सकें | अगर सड़क पर किसी छोटे बच्चे को रोते देख लें तो ज्यादातर नारियां एक बार जाकर पूछेंगी जरूर – बेटा […]


जिंदगी का सबसे कठिन निर्णय क्या होता है ?

जिंदगी में सबसे कठिन मोड़ तब आता है जब अध्यात्म की राह पर हमें मोह काटना होता है | महाभारत की लड़ाई में अपनों को दुश्मन सेना में देख अर्जुन विचलित हो गया – कृष्ण से कहने लगा मुझे कायर बनना स्वीकार है लेकिन भीष्म पितामह (नाना), गुरु द्रोणाचार्य के विरुद्ध हथियार उठाना बिल्कुल मंजूर नहीं |   तब कृष्ण […]