यह बात कि जीवन का वास्तविक सच सोच में छिपा है मेरी समझ में जल्दी ही आ गई | पिता ने कहा अगर ऐसा नहीं मानते हो तो बताओ टाटा और आम इंसान में क्या अंतर है | बहुत सोच समझने पर यह बात घर कर गई कि हमारी सोच ही हमें दूसरों से अलग बनाती है |
अन्यथा शरीर की मांस मज्जा same, रहना खाना पीना same, फिर फर्क कहां है ? यही कारण है कि योग क्या है इस बात के मर्म को समझ कर मैं ३७ वर्ष की आयु में ब्रह्म के द्वार पर पहुंच गया | ब्रह्म का साक्षात्कार हो गया | मैं यह मानता हूं हम धरती पर जो भी चाहें बन सकते हैं | टाटा या अंबानी क्या, उनसे भी आगे जा सकते हैं |
What is Yoga and its benefits? योग का महत्व | Vijay Kumar… the Man who Realized God in 1993