वेद और उपनिषद्


हिंदू धर्म में वेदों और उपनिषदों का क्या महत्व है ?

धरती पर जब मानवता पनपी तो पहले ऋषियों ने वेदों का ज्ञान सीधे ब्रह्म से ग्रहण किया | वेदों में निहित ज्ञान इतना विस्तृत था कि साधक तो दूर, बड़े बड़े scholars भी उसे समझने में असमर्थता दिखा रहे थे | तब कुछ तो करना ही था |   महर्षि वेदव्यास ने महाभारत महाकाव्य की रचना की और जो वेदों […]


जीवन में किस वेद और पुराण को जरूर पढ़ना चाहिए ?

मनुष्य अगर इसी जीवन में मोक्ष पाना चाहता है तो निम्नलिखित टीकाएं गीताप्रेस, गोरखपुर के किसी भी स्टॉल या डिपो से प्राप्त कर ले |   1. श्रीमद्भगवद्गीता – पदच्छेद, अन्वय और साधारण भाषाटीकासहित (17) 2. ईशादि नौ उपनिषद् (66)   आज के समय में किसी भी वेद और पुराण को पढ़ने की आवश्यकता नहीं – एक भी | धार्मिक […]


वेद गीता पुराण उपनिषद मनुष्य के लिए बने हैं या मनुष्य इन सब के लिए ?

पहले सृष्टि बनी और आत्माओं ने ब्रह्मांडीय सफर में अशुद्धियां ग्रहण कर लीं और धरती मां के अस्तित्व में आते ही आत्माओं का 84 लाख योनियों का सफर शुरू हो गया | पहली 73 लाख योनियां तो कीट पतंगों, पेड़ पौधों और पशु पक्षियों की योनियों में गुजर गईं |   मनुष्य रूप में 11 लाख योनियां होती हैं और […]


इस जमाने की युवा पीढ़ी को वेद पुराण पढ़ने में रुचि नहीं ?

जो पीछे से आएगा वही तो हम सीखेंगे/ करेंगे | जो संस्कार माता पिता ने दिए वह हमारा आधार बनते हैं | लेकिन अगर ब्रिटिश Macauley जैसे लोग हमारी गुरुकुल (गुरु शिष्य) परंपरा को तहस नहस कर दें तो क्या ? एक ही दिन में लगभग 7,50,000 गुरुकुल बंद किए गए | और भ्रष्ट इंग्लिश एजुकेशनल प्रणाली भारतवर्ष पर थोप […]


वेद और उपनिषद में क्या अंतर है ?

जब मानव मस्तिष्क काफी परिपक्व हो गया तो ब्रह्म ने श्रुतिज्ञान द्वारा मनुष्य को वेदों का ज्ञान प्रेषित किया | वेद बड़े voluminous हैं और विराट भी | विस्तारित होने के कारण वेदों का ज्ञान जनमानस तक पहुंच नहीं पा रहा था | पढ़े लिखे scholars भी वेदों के अंदर निहित ज्ञान को समझने में असमर्थता जाहिर कर रहे थे […]